Bhopal. प्रदेश मे स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए जल्द ही बड़े कदम उठाए जाएंगे। अस्पतालों में संसाधनों की पर्याप्त उपलब्धता पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। जिसके लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जा रही है। खासकर ग्रामीण ओर सुदूर अंचलों के क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर दिया जाएगा। जानकारी के अनुसार एमपी के सरकारी अस्पतालों की सेहत सुधारने के लिए प्रदेश व्यापी अभियान चलाया जाएगा। सरकारी अस्पतालों की खस्ताहाल बिल्डिंग, खराब उपकरण, फटे पुराने गद्दे, चादर तकिए से लेकर कंडम मशीनें बदली जाएंगी। स्वास्थ्य विभाग अगले तीन महीने दीवाली तक मिशन मोड में काम करेगा, ताकि अस्पताल में डॉक्टरों और स्टाफ को ड्यूटी करने और हेडक्वार्टर पर रुकने में दिक्कत न हो। 21 जुलाई को सीएम शिवराज सिंह चौहान भोपाल से मिशन सेहत की शुरुआत करेंगे।
लगेंगे कम्प्यूटराइज्ड एक्सरे, USG
मिशन सेहत के तहत प्रदेश के जिला अस्पतालों, सिविल हाॉस्पिटल, सीएचसी पर जांचों के लिए अत्याधुनिक मशीनें लगाई जाएंगी। इसके लिए विभाग सीटी स्कैन मशीन, कम्प्यूटराइज्ड एक्स-रे, सोनोग्राफी मशीनें खरीदकर लगवाई जाएंगी।
ये मशीनें लगेंगी
सीटी स्कैन- अभी प्रदेश के 43 जिला अस्पतालों और 3 सिविल अस्पतालों में सीटी स्कैन की सुविधा उपलब्ध है। 30 अगस्त तक मंडला और शाजापुर जिला अस्पताल में भी यह सुविधा शुरू हो जाएगी। खंडवा, दतिया और विदिशा जिला अस्पतालों में भी सीटी स्कैन मशीन लगाई जाएगी।
सोनोग्राफी- प्रदेश के सभी जिला अस्पतालों 19 सिविल अस्पतालों में सोनोग्राफी जांच की सुविधा दी जा रही है। 19 करोड़ 80 लाख रूपए से 153 यूएसजी मशीनों की खरीदी की जाएगी।
एक्स-रे:- वर्तमान में प्रदेश में कुल 10 अत्याधुनिक डिजिटल रेडियोग्राफी एक्स-रे मशीन और 124 कंप्यूटराइज्ड रेडियोग्राफी मशीनें हैं। इस जांच सुविधा को बढ़ाने के लिए 41 जिला अस्पतालों को डिजिटल रेडियोग्राफी एक्स-रे मशीनें दी जाएगी। सभी सिविल अस्पतालों और सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को कुल 118 कंप्यूटेड रेडियोलॉजी मशीन दी जाएगी। इसमें 45 करोड रूपए से मशीनें खरीदी जाएंगी।
हाइड्रोलिक बेड मिलेंगे
मिशन सेहत के तहत हर जिला अस्पताल को 10, सिविल हॉस्पिटल को 3 और सीएचसी को 2 हाइड्रोलिक बेड दिए जाएंगे। प्रदेश में 37975 बेड के लिए नए चादर, तकिए और गद्दे खरीदे जाएंगे। एक बेड के लिए सात बेड शीट्स खरीदी जाएंगी।
बिल्डिंग को सुधारने इंचार्ज डॉक्टर को मिलेगा जिम्मा
अस्पतालों के भवनों में दो प्रकार के काम कराए जाएंगे। छोटी-मोटी मरम्मत(नॉर्मल रिपेयरिंग) के लिए अस्पताल के इंचार्ज डॉक्टर को निश्चित बजट दिया जाएगा। इसके लिए लोकल लेवल पर सुधार के काम करा सकेंगे। अस्पताल की बिल्डिंग में बडे़ सुधार (मेजर रिपेयरिंग) के लिए जिलों से टेंडर जारी किए जाएंगे। इसके लिए अलग से बजट का प्रावधान किया जाएगा।
अस्पतालों के रखरखाव पर खर्च होंगे 140 करोड़
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में 52 जिला अस्पताल, 119 सिविल हॉस्पिटल, 356 सीएचसी, 1266 पीएचसी, और 10287 उप स्वास्थ्य केन्द्र हैं। प्रदेश के 1537 अस्पतालों में मामूली मरम्मत और सुधार के लिए करीब 140 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। साधारण मरम्मत के लिए करीब 55 करोड़ और बडे़ सुधार के लिए 85 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
मरीजों को लाइन से मिलेगी मुक्ति
हर जिला अस्पताल की डायलिसिस यूनिट में नो वेटिंग पीरियड को लागू किए जाने के उद्देश्य से 5-5 डायलिसिस महीने लगाई जाएंगी। मरीजों को घंटों लाइन में न खड़ा रहना पड़े इसके लिए आधुनिक तकनीक से क्यू मैनेजमेंट सिस्टम लगाया जाएगा। हर बाह्य रोगी विभाग (OPD) में बीएमआई मापने के लिए मशीन लगाई जाएगी। अस्पताल में खून की कमी न हो इसके लिए हाई क्वालिटी ब्लड कंपोनेंट सेप्रेटर मशीन लगाई जाएंगी।