Bhopal: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट जबलपुर में सीएम राइज स्कूल में पदस्थ शिक्षकों के स्थानांतरण एवं पदस्थापना से संबंधित लगभग 30 याचिकाएं दायर की गई थीं। इसकी सुनवाई गुरुवार को जस्टिस सुजय पॉल व जस्टिस नंदिता दुबे की अगल-अलग बेंच के समक्ष हुई। जिस पर न्यायालय ने स्थानांतरण आदेश, पदस्थापना आदेश पर रोक लगा दी। ये मामले अशोक कुमार साहू व संतोष उइके सहित अन्य की ओर से हाईकोर्ट में दायर किए गए थे। इसमें कहा गया कि मध्य प्रदेश शासन की महत्वाकांक्षी योजना सीएम राइज स्कूल की स्थापना करना था। इसका प्रमुख उद्देश्य उत्कृष्ट एवं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना तथा योग्य शिक्षकों द्वारा तकनीकी शिक्षा एवं अन्य सुविधाएं प्रदान करने का था।
स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किए गए थे एवं यह निश्चित किया गया था कि सीएम राइज स्कूल में पदस्थापना के लिए निश्चित मापदंड के आधार पर परीक्षा में सम्मिलित होना पड़ेगा। जो अभ्यर्थी सफल होंगे उन्हें चॉइस के आधार पर सीएम राइज स्कूल में पदस्थापना कर दी जाएंगी एवं उन्हें उन शिक्षकों से चॉइस फिलिंग के आधार पर प्रथम सीएम राइज स्कूल में नियुक्त करने का प्रमुख उद्देश्य था, परंतु नियमों की अनदेखी करते हुए अधिकारियों द्वारा चयनित शिक्षकों को सीएम राइस स्कूल से लगभग 50 से 100 किलोमीटर दूर उनका स्थानांतरण अन्य जिलों में भी कर दिया गया था।
न्यायालय ने माना नियम विरुद्ध
इसके विरुद्ध आवेदक आयुक्त लोक शिक्षण संचनालय भोपाल को एक लिखित अभ्यावेदन प्रस्तुत किया था, परंतु नियत समय पर कोई निर्णय नहीं होने पर आवेदकों ने उच्च न्यायालय के समक्ष याचिका दायर की थी। जिसमें न्यायालय ने आवेदकों को जो शासन द्वारा स्थानांतरण पदस्थापना आदेश जारी किया गया था उसे नियम विरुद्ध मानते हुए उस पर रोक लगा दी है। स्थानांतरण आदेश में रोक लगाने के पश्चात शासन को यह आदेशित किया है कि शीघ्र ही उनके आवेदनों का निराकरण कर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करें। याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट प्रवीण दुबे, एडवोकेट सत्येंद्र ज्योतिषी, एडवोकेट सौरभ सोनी, अधिवक्ता सुधा गौतम, अमित चतुर्वेदी, एडवोकेट विशाल यादव एवं अन्य अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा।