ये ही मिले थे!: घूस मांगने के आरोप पर सस्पेंड हुए IAS सिखा रहे कमिश्नरेट की बारीकियां

author-image
एडिट
New Update
ये ही मिले थे!: घूस मांगने के आरोप पर सस्पेंड हुए IAS सिखा रहे कमिश्नरेट की बारीकियां

भोपाल. मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने दो शहरों में कमिश्नरेट सिस्टम (Commissionerate System) लागू किया है। नई व्यवस्था है, तो समझने में समय लगेगा। लगना भी चाहिए क्योंकि सब कुछ नया जो है। ट्रेनिंग (Training) की भी आवश्यकता होती है। इसीलिए भोपाल में ट्रेनिंग की शुरुआत 12 दिसंबर से कर दी गई है। लेकिन ट्रेनिंग किससे ले रहे हो..? ट्रेनर कई मिल सकते थे, महोदय को ही क्यों चुना? रविवार को संपंन हुई ट्रेनिंग में बतौर ट्रेनर रिटायर्ड आईएएस मालपानी पहुंचे थे। ये वही मालपानी हैं, जिन्हें 2015 में भ्रष्टाचार के आरोप में सस्पेंड किया गया था। मालपानी पुलिस कमिश्नर मकरंद देऊस्कर (Police Commissioner Makrand Deuskar), ACP इरशाद वली समेत पुलिस के अन्य अधिकारियों को ट्रेनिंग दे रहे थे। मालपानी इस ट्रेनिंग प्रोग्राम में पुलिस कमिश्नर ने कमिश्नरेट सिस्टम में मिले अधिकारों और कर्त्वयों को बता रहे थे। अधिकारों को एग्जिक्यूट करने के बारे में जानकारी दे रहे थे।

मालपानी का रिश्वतकांड

साल 2015 में रिश्वत मांगने के आरोप में फंसे जेएन मालपानी (JN Malpani) के खिलाफ सामान्य प्रशासन विभाग ने विभागीय जांच शुरू की थी। खास बात है कि मालपानी के खिलाफ विभागीय जांच उनके रिटायर होने के बाद शुरू हुई थी। दिसंबर 2015 में एक ऑडियो वायरल हुआ था, जिसमें अनुसूचित जनजाति कल्याण विभाग के तत्कालीन कमिश्नर जेएन मालपानी बड़वानी के सहायक आयुक्त आरके श्रोती से बजट का हिस्सा मांग रहे थे। जेएन मालपानी और आरके श्रोती के बीच बातचीत का ऑडियो वायरल होने के बाद राज्य सरकार ने इसकी जांच अतिरिक्त मुख्य सचिव राधेश्याम जुलानिया को सौंपी थी। जुलानिया ने जांच में मालपानी को कथित तौर पर रिश्वत मांगने का आरोपी माना था, इसके बाद उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था।

1994 बैच के आईएएस अफसर जेएन मालपानी को 28 दिसंबर 2015 को निलंबित किया गया। इसके बाद 16 अगस्त तक सामान्य प्रशासन विभाग ने तीन बार उनकी निलंबन की अवधि बढ़ाई, इस बीच 31 अगस्त को वे रिटायर हो गए थे।

इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली

मध्य प्रदेश सरकार ने इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। दोनों ही शहरों में एडीजीपी स्तर के अधिकारी कमिश्नर होंगे।  भोपाल के 38 थाने और इंदौर के 36 थाने कमिश्नर सिस्टम के अंतर्गत आएंगे। नए कमिश्नरों की घोषणा एक हफ्ते में की जाएगी। गृह मंत्री और प्रदेश सरकार के प्रवक्ता डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा थी।  

भोपाल में आईजी स्तर का अधिकारी पुलिस कमिश्नर हैं। उनकी मदद के लिए दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर होंगे। उसके बाद 8 डीसीपी, 10 एडीसीपी, 33 एसीपी, ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1 एसपी हैं। इसी तरह इंदौर में स्वीकृत पदों में थोड़ा बदलाव रहेगा। इंदौर में पुलिस कमिश्नर को मदद करने के लिए दो एडिशनल कमिश्नर, 8 डीसीपी, 12 एडीसीपी, 30 असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर और ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1 एसपी हैं। नई व्यवस्था के तहत पुलिस अधिकारियों के पास सीआरपीसी की धारा 20, 106, 124, 129, 132, 144, 144-क, के तहत मजिस्ट्रियल शक्तियां होंगी। पुलिस एक्ट, अनैतिक व्यापार अधिनियम, मोटर व्हीकल एक्ट, अनैतिक व्यापार अधिनियम, राज्य सुरक्षा अधिनियम जैसे कुछ कानूनों में संशोधन करना होगा, जिसे जल्द से जल्द कर रहे हैं। 

द-सूत्र ऐप डाउनलोड करें :

https://bit.ly/thesootrapp

द-सूत्र को फॉलो और लाइक करें:

">Facebook  |   Twitter |   Instagram  |  Youtube

Madhya Pradesh government Police Commissioner Makrand Deuskar notification TRAINING Commissionerate System JN Malpani