भिंड में जिनको दिया रोजगार, उन्हें पता नहीं; भोपाल में 1100 में से 3 को मिला जॉब

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भिंड में जिनको दिया रोजगार, उन्हें पता नहीं; भोपाल में 1100 में से 3 को मिला जॉब

भोपाल. प्रदेश में पढ़े-लिखे बेरोजगार (unemployed) युवाओं को रोजगार मेला (rojagaar mela) लगाकर बड़े पैमाने पर जॉब (job) उपलब्ध कराने के दावे किए जा रहे हैं। इसके लिए 12 जनवरी को स्वामी विवेकानंद जयंती (Swami Vivekananda Jayanti) के अवसर पर सभी 52 जिलों में रोजगार मेले लगाए गए। द सूत्र (The sootr) ने एक महीने बाद इन रोजगार मेलों की हकीकत का पता लगाने के लिए भोपाल (Bhopal) सहित पांच जिलों की पड़ताल की तो आंखें खोल देने वाली सच्चाई सामने आई। भिंड (Bhind) में जिन 5 युवाओं को नौकरी दिलाने का दावा किया गया है उन्हें रोजगार मेले की जानकारी ही नहीं है। इनमें से दो तो अब तक बेरोजगार हैं। भोपाल में रोजगार के लिए 1100 युवाओं में से सिर्फ 3 को  ही जॉब ऑफर हुआ है। जबकि इंदौर, जबलपुर, नरसिंहपुर में रोजगार मेला के नोडल अधिकारी एक महीने बाद भी यह जानकारी देने में असमर्थ हैं कि उनके जिले में कुल कितने युवाओं को रोजगार मिला। जबकि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का दावा है कि हर महीने रोजगार दिवस का आयोजन करके एक लाख लोगों को रोजगार देंगे।     





भोपाल में  रोजगार के लिए 1100 आवेदन सिर्फ 3 को मिला जॉब : राजधानी भोपाल के एक्सिलेंस कॉलेज में रोजगार मेले का आयोजन किया गया था। इसमें वर्चुअल इंटरव्यू के लिए गूगल फार्म के जरिए जिले के विभिन्न कॉलेजों के करीब 1100 स्टूडेंट्स ने आवेदन किया था। नेस्ले, विप्रो, डेल, एलएंडटी, गोदरेज, टीसीएस, जारो एजुकेशन, नेटलिंक जैसी 15 से ज्यादा कंपनियों ने मेले में हिस्सा लिया था। लेकिन पूरी कवायद के बाद सेलेक्शन सिर्फ 3 ही छात्राओं का हो सका। इनके अलावा 2 को जॉब के बजाय इंटर्नशिप ही मिल पाई।  





 10 लाख के पैकेज का दावा लेकिन सैलरी  25 हजार रुपए : भोपाल में रोजगार मेले की प्रभारी और ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर डॉ. कल्पना मलिक ने द सूत्र को एक सूची सौंपी। इसमें 6 छात्राओं के नाम हैं। इनमें से दो छात्राओं को जारो एजुकेशन (Education) में जॉब मिलने की जानकारी दी गई है। बताया गया कि इन्हें 10 लाख रुपए सालाना का पैकेज मिला है। लेकिन जब द सूत्र ने संबंधित छात्राओं से बात की तो कुछ अलह ही हकीकत सामने आई। छात्रा अनुभूति ने बताया कि उसका इंटरव्यू तो हुआ था लेकिन ऑफर लेटर (Offer Letter) नहीं मिला। दूसरी छात्रा आशी श्रीवास्तव ने बताया कि जॉब तो मिली है लेकिन सैलरी 25 हजार रुपए महीने ही ऑफर की गई है। 





जबलपुर में सिर्फ 4 का सिलेक्शन, किसी ने भी नहीं किया जॉइन : जबलपुर में रोजगार मेले के प्रभारी और ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर अरुण शुक्ला ने बताया कि कंपनियां तो 10 से ज्यादा आई थीं, लेकिन सिर्फ 2 कंपनियों टाटा स्काई और एसबीआई रिटेल ने ही स्टूडेंट्स को जॉब के लिए शार्टलिस्ट किया था। इन दोनों कंपनियों ने ही शार्टलिस्ट किए गए 20 उम्मीदवारों में से महज 4 को ही जॉब ऑफर किया। लेकिन सैलरी का ऑफर कम होने की वजह से किसी स्टूडेंट ने भी जॉइन नहीं किया।





इंदौर में 400 उम्मीदवारों के इंटरव्यू लेकिन जॉब कितनों को मिला पता नहीं : इंदौर में रोजगार मेले की प्रभारी बनाई गईं प्रोफेसर मनीषा पांडेय ने द सूत्र को बताया कि 12 जनवरी को निजी कंपनियों ने  कुल 400 स्टूडेंट्स का इंटरव्यू किया था। उसके बाद 200 स्टूडेंट्स को शार्टलिस्ट भी किया गया। लेकिन इनमें से जॉब कितनों को मिली ये बता नहीं सकते। यानी इंटरव्यू के एक महीने बाद भी प्रभारी अधिकारी के पास इस बात की कोई जानकारी नहीं है कि रोजगार मेले में भाग लेने वाली कंपनियों ने इंटरव्यू लेने के बाद कितने उम्मीदवारों को क्या और कहां जॉब ऑफर की। कितने उम्मीदवारों को ऑफर लेटर मिला औऱ कितनों को पेड इंटर्नशिप ऑफर की गई।





नरसिंहपुर में 524 रजिस्ट्रेशन लेकिन जॉब की जानकारी नहीं : इंदौर जैसा ही नरसिंहपुर का हाल। यहां रोजगार मेले के प्रभारी डॉ. आलोक तिवारी ने बताया कि ऑनलाइन रोजगार मेले में चार कंपनियों न्यूट्रिटिव ट्रेडर्स, एचडीएफसी बैंक, कोटक लाइफ इंश्योरेंस, इन्हान्स मल्टी ट्रेडर्स ने  हिस्सा लिया था। इन कंपनियों में इंटरव्यू के लिए गूगल फार्म के जरिए 524 स्टूडेंट्स ने पंजीयन किया था। कंपनियों ने करीब 400 स्टूडेंट्स को शार्टलिस्ट किया था लेकिन  जॉब कितनों को ऑफऱ किया इसकी जानकारी अभी हमारे पास नहीं है। 





भिंड के नोडल अधिकारी बोले- कागजों पर चलते हैं ऐसे मेले : भिंड में रोजगार मेला के नोडल अधिकारी देवेंद्र सिंह ने द सूत्र को जॉब फेयर में सिलेक्ट हुए 5 स्टूडेंट्स की लिस्ट उपलब्ध कराई। जब स्टूडेंट्स से बात की गई तो चौंकाने वाली जानकारी सामने आई कि उन्हें तो जॉब  मिली ही नहीं है। इससे से भी ज्यादा हैरान करने वाली यह है कि द सूत्र संवाददाता ने लिस्ट में शामिल एक अन्य युवती से बात की तो उन्होंने बताया कि वो तो पहले से ही गांधीनगर में जॉब कर रही है। वो इससे पहले भी एक जॉब बदल चुकी हैं। रोजगार के लिए सिलेक्ट किए गए युवकों की लिस्ट में यादवेंद्र सिंह तोमर और रक्षक सिंह का नाम भी शामिल है। जब इनसे बात की गई तो दोनों ने ही 12 जनवरी को भिंड के एमजेएस कॉलेज में आयोजित रोजगार मेले में भाग लेने और कोई जॉब मिलने की बात से साफ इनकार कर दिया। जब इस बारे में नोडल अधिकारी देवेंद्र सिंह से सवाल किए गए तो उन्होंने सच्चाई स्वीकार कर ली। उन्होंने बताया कि रोजगार के लिए युवाओं के 5 नामों की लिस्ट हमें दीनदयाल ग्रामीण कौशल संस्थान से मिली है। यही लिस्ट हमने आपको फारवर्ड की है। ऐसी योजनाएं ज्यादातर कागजों पर ही चलती हैं।



(भोपाल से अंकुश मौर्य, भिंड से मनोज जैन, इंदौर से योगेश राठौर, जबलपुर से ओपी नेमा, नरसिंहपुर से समीर खान की रिपोर्ट) 



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