GWALIOR. सरकार द्वारा विचाराधीन मामलों में वालिकाओं को रखने के लिए बनाए गए वन स्टॉप सेंटर्स की सुरक्षा को लेकर लंबे समय से सवाल उठ रहे हैं। ग्वालियर के सेंटर से तीन महीने में तीन वालिकाएँ यहां से भाग चुकीं हैं। इस मामले में अब उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ ने महिला अभिभाषकों से इसका निरीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।
हाईकोर्ट ने दिए निर्देश
हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ ने वन स्टॉप सेंटर की व्यवस्थाओं को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए महिला अधिवक्ताओं को इस सेंटर का निरीक्षण करने और उसकी रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं ।महिला अधिवक्ताओं की टीम अब जयारोग्य अस्पताल परिसर स्थित वन स्टॉप सेंटर का निरीक्षण करने 6 अगस्त को पहुंचेंगी।
ये थी जनहित याचिका
याचिकाकर्ता अधिवक्ता संगीता पचौरी ने यहां बताया कि पिछले 3 महीने के दौरान 3 बालिकाएं वन स्टॉप सेंटर से भाग चुकी है। यहां उनकी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर इन घटनाओं से कई सवाल खड़े हो रहे हैं ।क्या लड़कियां वहां किसी परेशानी में है उन्हें शिक्षा स्वास्थ्य और बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता है या नहीं। इस पर भी सवाल खड़े हुए हैं ।
क्या हैं वन स्टॉप सेंटर
वन स्टॉप सेंटर में उन्हीं बालिकाओं या किशोरियों को रखा जाता है जिन्हें चाइल्ड लाइन महिला बाल विकास विभाग जिला एवं सत्र न्यायालय तथा हाई कोर्ट कुछ अवधि के लिए रहने के लिए भेजता है ।लेकिन वन स्टॉप सेंटर में लड़कियों को रखने में कई तरह की समस्याएं हैं उनकी सुरक्षा से लेकर अन्य सुविधाओं को लेकर क्या व्यवस्था है इसे लेकर यह याचिका दायर की गई है अब महिला वकीलों को इस मामले में अपनी रिपोर्ट निरीक्षण के बाद हाईकोर्ट में पेश करना है।