PANNA: टाइगर रिजर्व का हाथी हुआ बागी, 'रामबहादुर' ने हमला कर महावत की ली जान

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Arun Singh
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PANNA: टाइगर रिजर्व का हाथी हुआ बागी, 'रामबहादुर' ने हमला कर महावत की ली जान

PANNA. मध्यप्रदेश के पन्ना टाइगर रिजर्व (panna tiger reserve) में नर हाथी रामबहादुर ने सोमवार की सुबह महावत पर हमला कर जान ले ली। बागी हो चुके इस हाथी ने 2 वर्ष पूर्व इसी तरह रेंज ऑफिसर (range officer) पर भी हमला किया था, जिससे घटनास्थल पर ही उनकी दर्दनाक मौत हो गई थी। हाथी के हमले से महावत बुधराम रोटिया (60 वर्ष) की सुबह हुई मौत के बाद से पन्ना टाइगर रिजर्व में हड़कंप मचा हुआ है।





क्षेत्र संचालक पन्ना टाइगर रिजर्व उत्तम कुमार शर्मा (uttam kumar sharma)  ने बताया कि नर हाथी रामबहादुर द्वारा हमला किए जाने की यह दूसरी घटना है। इसके पूर्व अगस्त 2020 में इस हाथी ने वन परिक्षेत्र अधिकारी पर हमला किया था, जिससे उनकी मौत हो गई थी। उसी समय से इस हाथी को अलग रखा जा रहा था। जंगल की निगरानी व अन्य कार्यों में भी इसका उपयोग नहीं किया जा रहा था। क्षेत्र संचालक शर्मा ने बताया कि रेंजर बीएस भगत की मौत के बाद से सभी महावत इस हाथी से सतर्क रहते थे। कोई भी इस पर सवार नहीं होता था। बताया जा रहा है कि आज सुबह महावत बुधराम जंगल में जब हाथी रामबहादुर को ढूंढ रहा था, उसी समय हाथी ने हमला किया। 





दो दशक से पन्ना टाइगर रिजर्व में है हाथी रामबहादुर





बगावती तेवर अपना चुके नर हाथी (male elephant)  राम बहादुर (ram bahadur) के बारे में मिली जानकारी के मुताबिक सितंबर 2002 में संजय टाइगर रिजर्व से यह नर हाथी, हथिनी गंगावती व मोहन कली के साथ पन्ना टाइगर रिजर्व में आया था। महावत बुधराम उसी समय राम बहादुर के साथ ही पन्ना आया था और तभी से वह इस हाथी की देखरेख करता रहा है। क्षेत्र संचालक के मुताबिक महावत बुधराम (budhram) छत्तीसगढ़ का निवासी है तथा हाथी रामबहादुर भी छत्तीसगढ़ से ही संजय टाइगर रिजर्व पहुंचा था। उसी समय से महावत बुधराम इस हाथी के साथ रहा है। फिर भी उसने महावत पर हमला कर दिया, जो कई दशकों से उसकी देखरेख व सेवा करता रहा है।





मृतक महावत के दो बेटे, दोनों करते हैं हाथियों की सेवा





पन्ना टाइगर रिजर्व के सबसे पुराने व अनुभवी महावत बुधराम की अचानक इस तरह से हुई मौत के बाद से पन्ना टाइगर रिजर्व में दुख का माहौल है। क्षेत्र संचालक श्री शर्मा ने बताया कि मृतक महावत के दो बेटे हैं, और दोनों ही बेटे पन्ना टाइगर रिजर्व में चारा कटर के रूप में कार्यरत हैं। चारा कटर एक तरह से महावत के सहयोगी होते हैं, जो हाथियों की देखरेख व उनकी सेवा करते हैं। पूरी जिंदगी जिस हाथी के साथ रहकर उसकी सेवा में गुजार दी, उसी हाथी ने महावत बुधराम को जब मौत के घाट उतार दिया तो उसके दोनों बेटे सदमे में हैं। पन्ना टाइगर रिजर्व के अन्य दूसरे महावत व चारा कटर भी इस घटना के बाद से डरे और सहमे हुए हैं।





मृतक के परिजनों को मिलेगी आर्थिक सहायता 





हाथी के हमले से असमय काल कवलित हुए महावत बुधराम के परिजनों को हर संभव आर्थिक सहायता पार्क प्रबंधन द्वारा प्रदान की जाएगी। क्षेत्र संचालक शर्मा ने बताया कि बुधराम स्थाई वनकर्मी के रूप में पदस्थ रहे हैं। तात्कालिक रूप से उनके परिजनों को 2 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जा रही है। इसके अलावा भी शासन के नियमानुसार जो भी प्रावधान होंगे, हर संभव मदद की जाएगी। आपने बताया कि वन्य प्राणी के हमले में हुई मौत पर अतिरिक्त सहायता राशि प्रदान करने का प्रावधान है, वह राशि भी परिजनों को मिलेगी।



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