13 दिन बाद भोपाल के मैनिट में पकड़ाया बाघ, बकरी का शिकार करते समय पिंजरे में फंसा, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया

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Shivasheesh Tiwari
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13 दिन बाद भोपाल के मैनिट में पकड़ाया बाघ, बकरी का शिकार करते समय पिंजरे में फंसा, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़ा गया

BHOPAL. मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मैनिट) में टाइगर का आतंक खत्म हो गया है। यहां एक ढाई साल का बाघ पिछले 13 दिनों से 650 एकड़ के परिसर में घूम रहा था। पकड़ाया गया बाघ टी-123-4 बताया जा रहा है। इसे सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़ भी दिया गया है। टाइगर ने 5 गायों को शिकार बनाया था।



पिंजरे में ऐसे फंस बाघ 



डीएफओ आलोक पाठक ने द सूत्र को बताया कि 15 अक्टूबर की रात करीब 11.45 बजे मैनिट से बाघ को पकड़ा गया है। बाघ पूरी तरह से स्वस्थ है और कोई चोट के निशान भी नहीं थे। इसके बाद उसे 16 अक्टूबर को सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में छोड़ दिया गया है। बाघ की गतिविधि पर नजर रखने के लिए 11 कैमरे लगाए गए थे। लेकिन वह पकड़ में नहीं आ पा रहा था। इसके बाद पिंचरे में बकरी को रखा गया। बाघ बकरी का शिकार करने आया और पिंजरे में फंस गया, जिसके बाद उसे सुरक्षित सतपुड़ा टाइगर रिजर्व छोड़ दिया गया है। 



छात्र जा सकेंगे कॉलेज



बाघ की मैनिट में मौजूदगी के कारण कक्षाएं लगना बंद हो गई थीं। इससे करीब 5,400 छात्रों की शिक्षा बाधित हो रही थी। इसके चलते प्रबंधन ने 11 अक्टूबर से 30 अक्टूबर तक अवकाश की घोषणा कर दी थी। हालांकि, मैनिट अब जल्द ही इन कक्षाओं को दोबारा शुरू करने का आदेश जारी कर सकता है।



वाल्मी की ओर से आया था बाघ



सबसे पहले बाघ को भूमि एवं जल प्रबंधन संस्थान यानी वाल्मी के मेन गेट पर देखा गया था। वहां से यह कलियासोत डैम के पीछे के हिस्से की ओर से होता हुआ खुशीलाल आयुर्वेद अस्पताल और फिर मैनिट पहुंच गया था।


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