GWALIOR.ग्वालियर नगर निगम वैसे भी अपने अजब -गजब कामों के लिए चर्चा में आती रहती है और वह अपने कर्मचारियों और हितग्राहियों को जीवित को मृत और मृत को जीवित बताने के कारनामे करती रहती है लेकिन इस बार का कारनामा तो बहुत ही गंभीर भी है। इस बार नगर निगम ने अपने दो जीवित पूर्व सभापतियों को स्वर्गीय की श्रेणी में डाल दिया। यह किसी कागज़ पर अंकित नहीं किया कि इसे टायपिंग मिस्टेक की श्रेणी में रखा जा सके बल्कि नगर निगम परिषद् में लगाए गए बड़े बोर्ड में अंकित किया गया है। मजेदार बात ये कि मामले पर जब हड़कंप मचा तो भी अफसरों ने बोर्ड को फिर से लिखवाने की जगह बस स्वर्गीय पर स्टीकर चिपका दिए जिन्हे खोलकर आसानी से देखा जा सकता है।
जीवित स्वर्गीयों में एक कांग्रेस और के बीजेपी का
ग्वालियर में सात सालों बाद नयी नगर निगम परिषद का गठन किया गया है। यहाँ के तत्कालीन महापौर विवेक नारायण शेजवलकर के सांसद चुने जाने के बाद से यहाँ संभागीय आयुक्त प्रशासक थे और वे ही मेयर का काम देख रहे थे। विगत जुलाई में हुए चुनाव के बाद यहाँ नई नगर सरकार का गठन हुआ और परिषद भवन और सभापति कार्यालय की फिर से साज -सज्जा की गयी। इसी में पूर्व और वर्तमान सभापति के नाम का बोर्ड भी अपडेट करके फिर से लगाया गया लेकिन इसमें लापरवाही के चलते बड़ी चूक हो गयी। सभापति के कार्यकाल को दर्शाने वाले बोर्ड पर वर्तमान में जीवित पूर्व सभापति रामनिवास गुर्जर और बीजेपी के वरिष्ठ नेता पूर्व सभापति गंगाराम बघेल को स्वर्गवासी बताया गया है। दरअसल बोर्ड लगाने से पहले निगम के किसी अधिकारी ने इसे चैक करने की जेहमत ही नहीं उठाई लिहाजा और बाबुओं ने पेंटर ने जैसा बनाकर दे दिया वैसा लाकर उन्होंने सभापति मनोज तोमर के कक्ष में टांग दिया।
मीडिया ने किया उजागर तो मचा हड़कंप
यह मामला मीडिया ने ही उजागर किया। जैसे ही यह बात मीडिया में उछली तो बीजेपी नेताओं ने भी आलोचना की और कांग्रेस के लोगों ने भी क्योंकि जिन दो जीवित पूर्व सभापतियों को स्वर्गीय बताया गया उनमें से एक गंगा राम बघेल बीजेपी के जिला अध्यक्ष रह चुके हैं और वरिष्ठ नेता हैं। दूसरे पूर्व सभापति राम निवास गुर्जर के नाम स्वर्गीय लिख दिया गया था। गुर्जर कांग्रेस के नेता हैं और अभी भी सक्रिय है।
सभापति ने आयुक्त को लिखा पत्र
जब मीडिया के जरिये ये मामला वर्तमान सभापति मनोज तोमर के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे नगर निगम और जनसंपर्क विभाग की घोर लापरवाही बताया और निगम कमिश्नर को कार्यवाही करने के लिए तत्काल पत्र भी लिखा। उन्होंने लिखा कि यह मामला अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं बल्कि गंभीर भी है इसलिए इसके दोषियों का पता लगाकर तत्काल कार्यवाही की जानी चाहिए।
आयुक्त बोले मामला गंभीर ,करेंगे कार्यवाही
इस मामले में नगर निगम कमिश्नर किशोर कन्याल का कहना है कि मामला मेरे संज्ञान में लाया गया है। यह अत्यंत गंभीर मामला है. वे मामले की जांच करा रहे हैं और जिसने भी यह गलती की है दोष सिद्ध होने पर कार्यवाही भी की जाएगी। उधर निगम के अधिकारी और कर्मचारी भी अपनी इस गलती को छुपाने में लग गए। उन्होंने आनन-फानन में अपनी गलती छुपाते हुए जीवित सभापतियों के नाम के आगे लिखे स्वर्गीय शब्द पर स्टीकर चिपका दिया है।
एमआईसी सदस्यों को पिला दिया था एक्सपायरी डेट का पानी
यह पहला मामला नहीं है जब परिषद को लेकर अफसरों और कर्मचारियों का रवैया खराब रहा हो बल्कि नवगठित मेयर इन कौंसिल (MIC) की पहली बैठक में ही सदस्य और मेयर को पीने के लिए जो पीने के पानी की बोतल दी गई वे सब एक्सपायरी डेट की थी। एक सदस्य की निगाह उस पर पड़ आई तो बैठक में यह मुद्दा भी चैचा का विषय बन गया और मेयर डॉ शोभा सतीश सिकरवार इस पर खफा भी हुई और उन्होंने अधिकारियों से इसको लेकर रोष भी प्रकट किया।