हरीश दिवेकर, BHOPAL. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के जन्मदिन पर एमपी चीता स्टेट बन गया। इसके साथ ही सीएम शिवराज ने पीएम मोदी के जन्मदिन पर जनकल्याण योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने के लिए 'जनसेवा पखवाड़ा' की शुरुआत कर दी है। उधर, प्रदेश के 17 शहरों में बारिश अपनी हाफ सेंचूरी पूरी कर चुकी है, इन जिलों में 50 इंच से ज्यादा पानी गिरने से फिंजा में ठंडक घुल गई है। वैसे इस बीच कुछ अंदर की खबरों ने भी गरमाहट पैदा की हुई है, आप तो सीधे अंदरखाने में उतर आईए.....
किसकी कुंडली बना रहे जामवाल
बीजेपी के क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल के गोपनीय दौरे आला नेताओं में चर्चा का विषय बने हुए हैं। जामवाल गुपचुप भोपाल आए। एनएचडीसी के गेस्ट हाउस में रुके। कुछ गोपनीय मुलाकातें भी कीं, लेकिन इन सबकी भनक न तो सीएम को लगी और न ही प्रदेश अध्यक्ष को। इसके बाद वे इंदौर और झाबुआ भी गए। मैदान में सक्रिय लोगों से गुपचुप मुलाकातें कीं और दिल्ली रवाना हो गए। जामवाल का दौरा इतना गोपनीय रहा कि सत्ता और संगठन के तंत्र को भी इसकी भनक नहीं लगी। जामवाल के जाने के बाद ही पता चला कि वे भोपाल, इंदौर और झाबुआ में गुपचुप मीटिंग्स करके चले गए। किससे मिले क्या बात हुई ये सब गोपनीय है। उनके गोपनीय दौरों की भनक मिलने के बाद सत्ता और संगठन के गलियारों में बस यही चर्चा है कि आखिर किसकी कुंडली बना रहे हैं जामवाल।
धरा रह गया मंत्री का प्रोटोकॉल
कूनों में चीते आगमन कार्यक्रम में शामिल होने गए दो मंत्रियों का प्रोटोकॉल धरा रह गया। हालत ये रही कि पहले तो मंत्रियों ने कार्यक्रम स्थल तक पहुंचने के लिए 6 किमी पैदल जाने का प्रयास किया, लेकिन दो किलोमीटर बाद ही सांसें उखड़ने लगी तो कार्यकर्ताओं की मोटरसाइकिल पर बैठकर रवाना हुए, लेकिन वहां भारी भीड़ में मामला जमता न देख दोनों मंत्रियों को उलटे पैर ही वापस लौटना पड़ा। दरअसल दोनों मंत्री कूनो से जाने से पहले तामझाम में उलझे रहे, जब तक कार्यक्रम स्थल तक पहुंचते तब तक 6 किमी पहले से ही सड़क पर जाम लग चुका था।
मोर्चा पदाधिकारियों पर महिला ग्रहण
बीजेपी के मोर्चा पदाधिकारियों पर महिलाओं का ग्रहण लगा हुआ है। पहले ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारी का महिला के साथ वीडियो वायरल होने से उनका पद छिन गया, अब अनुसूचित जाति मोर्चा के पदाधिकारी की बीजेपी कार्यालय में ही दो महिलाओं ने चप्पल से पूजा कर दी। मामला ऊपर तक चला गया। बताया जाता है कि इन साहब ने महिलाओं से काम कराने के नाम पर पांच लाख रुपए लिए थे, लेकिन काम नहीं कराया। पैसे मांगने पर टालते रहे तो महिलाओं ने योजनाबद्ध तरीके से बीजेपी कार्यालय में ही आकर कूट दिया। महिलाओं को ये रास्ता दिखाने में बीजेपी के ही एक पदाधिकारी का हाथ है, जो इस पदाधिकारी से अदावत रखते हैं।
साहब का मुर्गी प्रेम..
साहब को देशी अंडे-मुर्गा-मुर्गी पसंद हैं, हां शुद्ध गाय का दूध भी। तो फिर क्या है साहब ने अपनी पसंद को पूरा करने के लिए सरकारी बंगले से लगी सरकारी जमीन पर फेसिंग लगाकर बाड़ा बना लिया। इसमें गाय, मुर्गा-मुर्गी और बत्तख पाल ली। साहब के तो मजे हो गए, लेकिन उनके पड़ोस में रहने वाले सीनियर अफसरों के लिए ये सिरदर्द बन गया। बदबू से पड़ोसी बंगले महकने लगे। शुरुआत में बड़े साहब लोगों ने जूनियर को धमकाने वाले अंदाज में समझाने का प्रयास किया लेकिन छोटे साहब ने अपने शौक से समझौता नहीं किया। अब हर कोई जानना चाह रहा है कि सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करने वाले इस जूनियर आईएएस से किसे विशेष प्रेम है। जो सीनियर की शिकायत के बाद भी कार्रवाई नहीं हो रही।
बस नाम के ही स्वतंत्र हैं
एक कहावत तो आपने सुनी ही होगी जबर मारे भी और रोने भी न दे... ऐसा ही कुछ इन दिनों एक आईएएस अफसर के साथ हो रहा है। इन्हें न तो ढंग की पोस्टिंग दी जा रही है और न ही केन्द्र में जाने की अनुमति। इन्होंने बड़े साहब के यहां अर्जी लगाई तो कहा गया कि प्रदेश में अफसरों की कमी है। अब साहब को समझ नहीं आ रहा कि आखिर कमी कहां है क्योंकि उन्हें जहां पटक रखा है वहां तो ऐसा कोई ज्यादा काम ही नहीं है। इन आईएएस को जोर का झटका तब लगा जब बड़े साहब ने इनके बैचमेट को केन्द्र में जाने की अनुमति दे दी। अब तो इन साहब के दोस्त यार भी मजे लेने लगे हैं। कहते हैं कि यार तुम तो सिर्फ नाम के ही स्वतंत्र हो......।
साहब के प्यादे पर वक्र दृष्टि
बड़े साहब के प्यादे का तबादला होने के बाद हर कोई जानना चाहता है कि आखिर साहब के रहते हुए प्यादे पर किसने वक्र दृष्टि डाल दी। ये प्यादा सोमरस वाले महकमे का छोटा-सा अफसर है। लेकिन इनके कारनामे बड़े हैं। हाल ही में करोड़ों के घोटाले में भी इनका नाम आया था लेकिन साहब के प्यादे पर हाथ कौन डालता तो नीचे वाले को निपटा कर मामले को दबा दिया। किसी दिलजले ने ये बात संघ और संगठन के कानों में फूंक दी। बस क्या था प्यादे का टिकट कट गया। जब से साहब बड़ी वाली कुर्सी पर बैठे हैं तब से मालवा के एक बड़े जिले में उनका प्यादा ऊंची उड़ान भरने लगा था। प्यादे का पद तो छोटा है, लेकिन उनके घर बड़े-बड़े पद वाले हाजिरी भी लगाते दिख जाते थे। बड़े साहब से सालों पुराना कनेक्शन जो है।
फुटेज के लिए कुछ भी करेगा
कूनो में चीते का इवेंट कवर करने आए एक नेशनल मीडिया ने कमाल ही कर दिया। बेहतर कवरेज और शानदार फुटेज बनाने के लिए नेशनल मीडिया के रिपोर्टर ने 500 रुपए देकर ढोल बजवाकर...मोदी-मोदी और चीता-चीता के नारे लगवाकर ग्रामीणों से डांस करवाया। इस घटनाक्रम को देखर वहां मौजूद बड़े बीजेपी नेता हंसकर आपस में कह रहे थे ये तो अपना ही चैनल है। ये नहीं तो कौन करेगा। वहीं एक और चैनल चीता इवेंट छोड़ श्योपुर कूपोषण पर फोकस कर स्टोरी बनाता दिखा। दोनों ही अपनी-अपनी टीआरपी के लिए कैमरा लेकर अलग-अलग दिशा में दौड़ते दिखे।