मप्र और उप्र को जोड़ने वाले चंबल पुल पर 4 महीने से यातायात बंद, धीमी गति से चल रहा मरम्मत का कार्य, यात्री हो रहे परेशान

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Vivek Sharma
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मप्र और उप्र को जोड़ने वाले चंबल पुल पर 4 महीने से यातायात बंद, धीमी गति से चल रहा मरम्मत का कार्य, यात्री हो रहे परेशान

सुनील शर्मा, BHIND.  मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने वाला चंबल पुल बीते 4 महीनों से बंद होने के चलते लोग बड़ी परेशानी से जूझ रहे हैं। भिण्ड से इटावा जाने बाले बस और ऑटो से चंबल पुल तक पहुंचने वाले यात्री एक किलोमीटर चंबल पुल पर पैदल चलकर पार करना पड़ता है। वही स्वयं के वाहन वाले यात्रियों को 30 किलोमीटर की यात्रा घूमकर 90 किलोमीटर चलकर पहुचना पड़ रहा है।  



4 महीने से बंद हैं



मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश को जोड़ने बाला NH-719 भिण्ड-इटवा सीमा पर चम्बल नदी पर बने पुल से प्रतिदिन हज़ारों लोग आवागमन करते आए हैं, लेकिन बीते चार महीने से पुल बंद होने के चलते लोगों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।  सभी प्रकार के वाहन का आवागमन पुल पर प्रतिबंधित है, दीपावली का त्योहार सिर पर है और लोग पैदल एक किलोमीटर लम्बा पुल पार करने को मजबूर हैं, लेकिन ना तो एमपी और ना ही यूपी प्रशासन को लोगों को हो रही परेशनियाँ दिखायी दे रहीं हैं। 



आवागमन बाधित



अपने आशियानों से दूर रह रहे लोग दीपावली का त्योहार आते ही अपने घरों की ओर जा रहे हैं, लेकिन एमपी-यूपी सीमा पर बने चंबल पुल ने दोनों ओर आने जाने वाले लोगों की मुसीबत बढ़ा रखी है। चार महीने से भिंड और इटावा का बॉर्डर चम्बल नदी का पुल क्षतिग्रस्त होने से बंद है। मरम्मत कार्य के लिए मांगा गया समय भी कब का पूरा हो चुका है, लेकिन अब तक पुल पर आवागमन दोबारा शुरू नही हो पा रहा है। 



सामान और छोटे बच्चों के साथ परेशान हो रहे यात्री



इस पुल की लम्बाई क़रीब एक किलोमीटर है, ऐसे में यहां से गुजरने वाले यात्रियों के लिए सबसे ज़्यादा परेशानी खड़ी हो रही है। भिंड से इटावा जाने वाले यात्रियों को भिंड शहर से बस या ऑटो रिक्शा से 15 किलोमीटर का सफर करना पड़ता है, इसके बाद उन्हें एक किलोमीटर लम्बा पुल पैदल पर करना पड़ता है। कई यात्रियों के साथ सामान और छोटे बच्चे ओर बुजुर्ग माता-पिता भी होते हैं। ऐसे में उनके लिए परेशानी और बढ़ जाती है। गुजरात से आये एक परिवार की महिला ने बताया कि वे उदीमोड़ से होते हुए अपने घर की ओर जा रहे हैं। तीन दिन से सफ़र कर रहे थे, और अब इतने अधिक सामान के साथ यह पुल भी पैदल पार करना पड़ेगा, परेशानी तो होती ही है, कुछ ऐसा ही कहना अन्य यात्रियों का भी था।



 22 अक्टूबर तक बंद रहेगा



वहीं पुल से लगे बरही गांव के एक ग्रामीण ने बताया कि पिछले चार महीनों से पुल बंद है, त्योहार के दिनो में लोगों का आवागमन बाधित हो रहा है। करवाचौथ पर भी बहुत सी बहू बेटियां आने-जाने के लिए परेशान हुईं थी, क्योंकि भिंड से आने वाले लोगों को बस पुल के इस पर उतार देती है और इटावा से आने वाली बसें भी पुल से उस पार ही रुक जाती हैं, पूछने पर बताया कि पुल के शुरू होने की कोई सम्भावना फिलहाल स्पष्ट नहीं है। शुरू में चम्बल पुल को 15 दिनों के लिए बंद किया गया था, लेकिन अब चार महीने हो गए हैं, लगातार तारीख़ आगे बढ़ रही हैं, पहले 3 अक्टूबर को पुल शुरू होने के आदेश हुए थे, फिर 15 अक्टूबर दी गई, उसके बाद 20 अक्टूबर को पुल शुरू होने की सम्भावना थी लेकिन अब 22 अक्टूबर तक और पुल बंद रहने के आदेश इटावा प्रशासन ने जारी किए हैं। 



निचले हिस्सा का कार्य पूरा



वहीं पुल का मरम्मत कार्य कर रही पुल निर्माण एवं मेंटेनेंस कम्पनी के इंजीनियर सनाउर रहमान ने बताया कि पुल का मरम्मत कार्य जारी है, चूंकि यह पुल राष्ट्रीय राजमार्ग 719 का अहम और एकल रास्ता है, इसलिए जनता को परेशानी से जूझना पड़ रहा है। पुल के निचले हिस्सा का कार्य लगभग पूरा हो चुका है, अभी ऊपर कार्य प्रगति पर है जिसे जल्द से जल्द पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है। कुछ दिन पहले बाढ़ ओर बारिश के चलते काम रोकना पड़ा था, अभी चार पांच दिन पहले भी लगातार बारिश हुई जिसकी वजह से काम में बाधा आयी।  उन्होंने कहा कि पूरा प्रयास है की इसे 22 अक्टूबर तक काम खत्म हो जाए।

पुल के नीचे हुए नुकसान का मेंटिनेस कुछ इस प्रकार है- 

पुल के नीचे के हिस्से में बैरिंग बदली जा चुकी है  रेक्टिफ़िकेशन हुई थी बैरिंग्स की, पिलर्स और पियर कैप की इपॉक्सी ग़्रोटिंग का कम हुआ है, पिलर्स और पियर कैप की ग्युनाइटिंग का कार्य चल रहा है।



1976 में बना था



साल 1976 में उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की सीमा पर चंबल नदी पर इटावा और भिंड जिले की सीमा को जोड़ने वाले चम्बल पुल का निर्माण हुआ था। चार दशकों से ज़्यादा समय तक यह पुल दोनों राज्यों में आवागमन का सुगम रास्ता बना रहा, लेकिन बीते 3 वर्षों में इस पुल की हालत खस्ता हो गयी है। 2019 से लेकर 2022 तक यह ब्रिज 5 बार क्षतिग्रस्त हो चुका है। 6 अप्रैल 2019 को पिलर में छेद होने से दो दिन आवागमन बंद रहा था, इसके बाद 18 जुलाई 2019 को फिर पिलर में खराबी आने से दो दिन आवागमन बंद रहा, 2 अगस्त 2019 को स्लैब क्षतिग्रस्त होने से 8 दिनों तक आवागमन बंद रहा, 2 जुलाई 2021को पुल की 6 नम्बर पिलर की बैरिंग ख़राब होने से पुल को बंद किया गया था,वहीं 26 जून 2022  से वर्तमान तक पुल बंद किया हुआ है।



त्योहारी सीजन में यात्री हो रहे परेशान



गौरतलब है कि भिंड-इटावा हाइवे 719 एमपी-यूपी बॉर्डर बना चम्बल पुल छतिग्रस्त होने से निजी, व्यावसायिक और भारी वाहन चालक काफी परेशान हैं।  पुल बंद रहने से उन्हें लम्बे रास्ते से होकर गुजरना पड़ रहा है। दोनो जिलों की दूरी तो महज 35 किलोमीटर है लेकिन वाहन 90 किलोमीटर का फेरा लगाकर हनुमन्तपुरा चौराहा होते होते हुए इटावा पहुंच रहे है, जिसकी वजह से आवागमन करने वाले आम आदमी के ज्यादा समय के साथ-साथ जेब पर तो असर है ही साथ ही उत्तरप्रदेश पर निर्भरता के चलते सब्जी फलों के दाम भी बढ़ चुके हैं, ऐसे में भिंड जिलावासियों के लिए दीपावली भी चम्बल पुल की वजह से इस साल महंगी होने वाली है।

 


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