अविनाश नामदेव, Vidisha: एक तरफ जहां देशभर में विश्व आदिवासी दिवस(world tribal day) मनाया जा रहा था वहीं दूसरी तरफ मध्यप्रदेश के विदिशा में वन अमले द्वारा आदिवासियों पर गोलियां बरसाई जा रहीं थी। दरअसल पूरा मामला मध्यप्रदेश के विदिशा के लटेरी इलाके के रायपुरा गांव का है, यहां आदिवासी समाज(tribal society) के लोग जंगल में लकड़ियां लेने गए थे जहां मौजूद वन अमले(forest department) ने उन्हें देखते ही फायर कर दिया और फायरिंग(firing) के दौरान एक की मौत हो गई, जबकि चार अन्य घायल हो गए। यह घटना देर रात 10:00 बजे के आसपास की है। गोली लगने से चैन सिंह(Chain Singh) नामक आदिवासी की मौत हो गई एवं महेंद्र , भगवान सिंह और एक अन्य घायल हो गए। घटना के बाद नजीराबाद रोड पर ग्रामीणों ने चक्का जाम कर दिया एवं आरोपियों की गिरफ्तारी पर अड़े गए। हालांकि कलेक्टर एसपी सहित पूरा प्रशासन अमला वहां मौजूद है। कलेक्टर द्वारा मृतक के परिवार को 25 लाख रुपए एवं परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की है। वहीं घायलों को पांच-पांच लाख रुपए देने की घोषणा की है एवं इस घटना के दौरान वन अमले में शामिल सभी को सस्पेंड कर दिया गया है एवं उन पर धारा 302/ 307 के तहत मुकदमा दर्ज करने की बात कही है।
मृतक के परिवार को मदद
विदिशा के एडिशनल एसपी समीर यादव(Additional SP Sameer Yadav) ने बताया कि रायपुरा गांव निवासी प्रीतम सिंह की शिकायत पर वन विभाग के कर्मचारी निर्मल डिप्टी समेत अन्य के खिलाफ 302, 307 व 34 के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि गोली 312 बोर बंदूक से चलाई गई थी। जिसमें चैन सिंह भील की मौत हो गई। दूसरी ओर गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मृतक के परिवार को मदद देते हुए एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने का आश्वासन दिया है। साथ ही दोषी अधिकारी को सस्पेंड करने और घायलों को आर्थिक मदद देने की घोषणा की है। सीएम शिवराज सिंह ने भी घटना पर दुख जताया और न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। उधर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने आदिवासी बताते हुए सरकार पर इस वर्ग के उत्पीड़न का आरोप लगाया।
पीछा करने पर पत्थर बरसाए
दूसरी ओर DFO राजवीर सिंह का कहना है कि मंगलवार रात साढ़े 8 बजे के करीब विभाग को सूचना मिली कि गुना से आए कुछ लकड़ी तस्करी कर रहे हैं। सूचना पर एक टीम बैरागढ़ कोटरा वन चौकी पहुंची। बाद में जंगल की ओर से कुछ लोग आते हुए दिखाई दिए। उनके पास लकड़ियां थीं। टीम ने उन्हें दबोचने के लिए घेराबंदी की तो वे लोग बाइक छोड़कर जंगल में भीतर घुस गए। टीम ने उनका पीछा किया। वे लोग पत्थर फेंकने लगे। टीम ने आत्मरक्षा में फायर किया, जिसमें चैन सिंह नामक तस्कर की मौत हो गई। फायरिंग में 4 अन्य तस्कर घायल हुए हैं। DFO राजवीर सिंह ने बताया कि टीम जंगल से वापस लौटी और थाने पहुंची। घटना की जानकारी लगते ही रात साढ़े 12 बजे के करीब कुछ लोगों ने थाने का घेराव किया। हमें बाहर आने का कहने लगे। वे चिल्ला रहे थे कि बाहर आओ, नहीं तो हम थाना फूंक देंगे। विदिशा पुलिस ने मोर्चा संभाला और मामले को शांत करवाया।