Jabalpur. मध्यप्रदेश मेडिकल यूनिवर्सिटी ने 10 जून को बीएएमएस पेपर लीक कांड में दो अध्यापकों के खिलाफ कार्रवाई की है। मामले में अवकाश पर रहते हुए पेपर मॉडरेट करने वाली महिला अध्यापक निधि श्रीवास्तव और रतलाम मेडिकल कॉलेज स्थित परीक्षा केंद्र के तत्कालीन अधीक्षक उमेश सिन्हा को विश्वविद्यालय के सभी कार्यों के लिए अयोग्य घोषित कर दिया है। मामले में बैठी जांच रिपोर्ट में यह माना गया है कि दोनों ने परीक्षा संबंधी कार्यों में लापरवाही बरती है।
ये था मामला
दरअसल विश्वविद्यालय ने बीएएमएस प्रथम वर्ष का एनाटॉमी का प्रश्न पत्र प्रदेश में सभी परीक्षा केंद्रों को सुबह 11.10 बजे ऑनलाइन भेजा। सभी जगह सुबह 11.30 से दोपहर 2.30 बजे तक परीक्षा आयोजित हुई। सिर्फ रतलाम के सरकारी मेडिकल कॉलेज में यही परीक्षा दोपहर 2 बजे से 5 बजे के बीच हुआ। इस केंद्र में अधीक्षक रतलाम मेडिकल कॉलेज के सह प्राध्यापक डॉ उमेश सिन्हा थे। आरोप है कि एक निजी आयुर्वेद कॉलेज को फायदा पहुंचाने के लिए ये सब हुआ।
छुट्टी पर रहते हुए किया पेपर मॉडरेट
ग्वारीघाट स्थित सरकारी आयुर्वेद कॉलेज में सह प्राध्यापक डॉ. निधि श्रीवास्तव 10 जून को अवकाश पर थी। छुट्टी के दौरान नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज स्थित परीक्षा केंद्र में उन्होंने ऑब्जर्वर की ड्यूटी भी की और इसी पाली में होने वाले बीएएमएस फर्स्ट ईयर के एनाटॉमी के पेपर का मॉडरेशन भी किया। नियमानुसार पेपर की गोपनीयता के लिहाज से मॉडरेटर को विश्वविद्यालय में ही रुकना होता है ताकि परीक्षा शुरू होने से पहले गोपनीयता भंग न हो।
छात्र संगठनों ने की एफआईआर की मांग
एक ओर विश्वविद्यालय प्रशासन ने गलती पाए जाने पर दोनो प्रोफेसरों पर कड़ी कार्रवाई कर दी है तो दूसर तरफ मध्यप्रदेश छात्र संगठन ने मामले में राज्यपाल को शिकायत भेजकर दोनों जिम्मेदार अध्यापकों को सस्पैंड कर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर दी है।