UJJAIN: नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुले, साल में एक बार खुलता है मन्दिर, लाखों श्रद्धालु उमड़े, सिर्फ चौबीस घंटे के लिए खुला रहेगा

author-image
The Sootr CG
एडिट
New Update
UJJAIN: नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट खुले, साल में एक बार खुलता है मन्दिर, लाखों श्रद्धालु उमड़े,  सिर्फ चौबीस घंटे के लिए खुला रहेगा

नासिर बेलिम रंगरेज, UJJAIN. 365 दिनों में केवल 24 घंटे के लिए खुलने वाले उज्जैन के नागचंद्रेश्वर मंदिर (Nagchandreshwar Temple) में पहले 12 घंटे में ही 2 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंच चुके हैं। रात भर से श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। रात 12 बजे तक मंदिर के पट खुले रहेंगे। ये मंदिर साल में एक बार आज ही दिन यानी नागपंचमी (Nagpanchami) पर खुलता है। 



भारी भीड़ उमड़ी



नागपंचमी के अवसर पर महाकालेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple) के मुख्य शिखर के तीसरे खंड पर स्थित भगवान नागचन्द्रेश्वर मंदिर के पट 1 जुलाई की मध्यरात्रि को खोले गए। भगवान नागचंद्रेश्वर की विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद दर्शनार्थियों के लिए दर्शन शुरू हुए। यहां सबसे पहले महाकालेश्वर मंदिर स्थित पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से त्रिकाल पूजन किया गया । इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। यहां मध्यप्रदेश सरकार (Government of Madhya Pradesh) के मंत्री मोहन यादव और कमल पटेल (Ministers Mohan Yadav and Kamal Patel) ने भी नागचंद्रेश्वर भगवान का अभिषेक किया। यह मंदिर वर्ष में केवल एक बार नागपंचमी पर्व पर ही खोला जाता है। सिर्फ इसी दिन मंदिर की दुर्लभ और अलौकिक प्रतिमा के दर्शन श्रद्धालुओं को होते हैं।



5 घंटे पहले से लग गईं थीं कतारें 



नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए 1 जुलाई की शाम 7 बजे से ही श्रद्धालुओं की कतार लग गई थी। अब मंदिर के पट श्रद्धालुओं के दर्शन हेतु 24 घंटे तक खुले रहेंगे। भारतीय पंचांग तिथि अनुसार श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी के दिन ही मंदिर के पट खुलने की परंपरा प्राचीनकाल से चली आ रही है । महानिर्वाणी अखाड़ा की ओर से रात 12 बजे पूजन करने के बाद मंदिर में श्रद्धालुओं के दर्शनों का सिलसिला शुरू हो गया। इस बार मंदिर प्रशासन ने नागचंद्रेश्वर मंदिर तक 1 करोड़ की लागत से अस्थाई ब्रिज बनाया है, जिससे दर्शन के बाद श्रद्धालुओं को बाहर जाने में आसानी हो। यही कारण है कि चारधाम मंदिर से लाइन में लगने के बाद करीब एक घंटे में ही आम लोगों को दर्शन हो रहे हैं। भगवान नागचंद्रेश्वर के दर्शन का सिलसिला मंगलवार को रात 12 बजे तक सतत चलेगा।



भगवान शिव नाग शैया पर विराजित हैं



महाकाल मंदिर में स्थित नागचंद्रेश्वर भगवान की प्रतिमा 11वीं शताब्दी की है। इस प्रतिमा में फन फैलाए हुए नाग के आसन पर शिव जी के साथ देवी पार्वती बैठी है। संभवतः दुनिया में ये एक मात्र ऐसी प्रतिमा है, जिसमें शिव जी नाग शैया पर विराजित हैं। इस मंदिर में भगवन शिव, मां पार्वती, भगवान गणेश के साथ ही फन फैलाए सप्तमुखी नाग देव है। साथ में दोनों के वाहन नंदी और सिंह भी विराजित हैं। इस प्रतिमा में भगवान शिव के गले और भुजाओं में भी नाग लिपटे हुए है।



मंदिर का इतिहास



महाकालेश्वर मंदिर का शिखर तीन खंडों में बंटा है। इसमें सबसे नीचे गर्भगृह में भगवान महाकालेश्वर, दूसरे खंड में ओंकारेश्वर और तीसरे खंड में नागचन्द्रेश्वर भगवान का मंदिर है। यह मंदिर अतिप्राचीन है। माना जाता है कि परमार राजा भोज ने 1050 ईस्वी के लगभग इस मंदिर का निर्माण करवाया था। इसके बाद सिंधिया घराने के महाराज राणोजी सिंधिया ने 1732 में महाकाल मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था। बताया जाता है कि इस दुर्लभ प्रतिमा को नेपाल से लाकर मंदिर में स्थापित की गई थी। नागपंचमी के अवसर पर मंगलवार को दोपहर 12 बजे शासकीय पूजा होगी। इसमें जिला प्रशासन एवं मंदिर प्रशासन के अधिकारी सहित अन्य लोग मौजूद रहेंगे। वहीं बाबा महाकाल की सांय आरती के बाद मंदिर प्रबंध समिति द्वारा नागचंद्रेश्वर का पूजन किया जाएगा।

 


मध्यप्रदेश सरकार Ujjain Nagpanchami नागपंचमी Government of Madhya Pradesh Minister Mohan Yadav मंत्री मोहन यादव Mahakaleshwar Temple महाकालेश्वर मंदिर Kamal Patel कमल पटेल Nagchandreshwar Temple नागचंद्रेश्वर मंदिर