BHOPAL:उमा ने कई ट्वीट किए,कहा- बीजेपी शासित राज्यों में एक जैसी शराब नीति हो,गुरु पूर्णिमा से रक्षाबंधन तक कई बातें शेयर करूंगी

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Atul Tiwari
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BHOPAL:उमा ने कई ट्वीट किए,कहा- बीजेपी शासित राज्यों में एक जैसी शराब नीति हो,गुरु पूर्णिमा से रक्षाबंधन तक कई बातें शेयर करूंगी

BHOPAL. उमा भारती राजनीति में अपना कद हासिल करने की कोशिश रही हैं। इस समय उन्होंने मध्य प्रदेश में शराबबंदी को मुद्दा बनाया है। इसको लेकर वे बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को चिट्ठी भी लिख चुकी हैं। 10 जुलाई को उन्होंने कई ट्वीट किए और अपनी कई बातें शेयर की। इन ट्वीट्स में उन्होंने एक बार फिर शराबबंदी का जिक्र किया। लिखा- अब मध्य प्रदेश में शराब के खिलाफ मैंने मुहिम छेड़ी है जो कि पार्टी की नीति के अनुसार है और बीजेपी शासित राज्यों में एक जैसी शराब नीति हो, यह मेरा आग्रह है। मैं गुरु पूर्णिमा से रक्षाबंधन तक अपने जन्म से लेकर अभी तक के सभी महत्वपूर्ण प्रसंग शेयर करूंगी।



मीडिया से अपील की



उमा ने लिखा- आज देवशयनी एकादशी है, भगवान विष्णु ने अपना समस्त कार्यभार महादेव को सौंपा। प्रिंट मीडिया एवं टेली मीडिया दोनों से मेरा एक निवेदन है कि या तो आप सिर्फ मेरे पोस्ट पढ़ते रहिए। मेरे शब्द एवं वाक्य को ज्यों का त्यों रखते हुए आप अपने विचार एवं टिप्पणी देने हेतु अपने अधिकार का पूरा प्रयोग करें।



गंगा पर एफिडेविट का उल्लेख किया



उमा के मुताबिक, कुछ विशेष प्रसंग मैं आज की ही पोस्ट में बताती हूं। गंगा की अविरलता पर दिया गया मेरे मंत्रालय का एफिडेविट सरकार द्वारा लिए गए निर्णय के विपरीत था। ऊर्जा, पर्यावरण एवं मेरे जल संसाधन मंत्रालय की एक कमेटी बनी, जिसमें तीनों को मिलाकर गंगा पर प्रस्तावित पॉवर प्रोजेक्ट पर एफिडेविट बनाना था। फिर केबिनेट सेक्रेटरी और पीएमओ की सहमति के बाद हमारे मंत्रालय के माध्यम से वह सुप्रीम कोर्ट में पेश होना था।



‘तीनों मंत्रालयों की गंगा की अविरलता पर सहमति नहीं बन पा रही थी। विश्व के, भारत के सभी पर्यावरण विषेषज्ञों की राय एवं अरबों गंगा भक्तों की आस्था दांव पर लगी थी। उन सबकी राय में हिमालय, गंगा एवं उसकी सहयोगी नदियों पर प्रस्तावित 72 पॉवर प्रोजेक्ट गंगा, हिमालय एवं पूरे भारत के पर्यावरण के लिए संकट का विषय थे।’ 



‘मैंने और मेरे गंगा निष्ठ सहयोगी अधिकारियों ने बिना किसी से परामर्श किए कोर्ट में एफिडेविट प्रस्तुत कर दिया। और आपकी ‘राष्ट्रीय उपाध्यक्ष ने ऐसा कहा है’ (उमा भारती), इस उल्लेख के साथ मीडिया में जो बहस का धमाका हुआ, उससे पार्टी को अपना निर्णय बदलना पड़ा। उस एफिडेविट पर ऊर्जा एवं पर्यावरण मंत्रालय एवं उत्तराखंड की त्रिवेन्द्र रावत जी की सरकार ने अपनी असहमति दर्ज की। हरियाणा में हमारी सरकार भी बन गई और पार्टी की साख भी बच गई।’



‘फिर तो जो होना था वही हुआ। अनुशासनहीनता तो की ही थी और इसलिए जब नई राष्ट्रीय कार्य समिति घोषित हुई तो मैं उसमें सदस्य तो थी, लेकिन पदाधिकारी नहीं थी, लेकिन मुझे कोई रंज ही नहीं है। मेरे नेता नरेन्द्र मोदी जी ही हैं और रहेंगे। जगत प्रकाश नड्डा जी हमारे संगठन के मुखिया होने के नाते मेरे लिए भी आदरणीय हैं। इसीलिए सभी से अनुरोध है कि आप उसे मेरे जीवन का रिपोर्ट कार्ड मानकर पढ़ लेने का समय निकालें।’



उमा के तेवर



मध्य प्रदेश में अगले साल विधानसभा चुनाव हैं। उमा फिलहाल ना तो सांसद हैं और ना ही विधायक। ऐसे में वो मध्य प्रदेश की सियासत में अपना कद बढ़ाने की जुगत कर रही हैं। मार्च में उन्होंने भोपाल में एक शराब दुकान में पत्थर चलाया था। हाल ही में ओरछा की एक शराब दुकान में गोबर फेंका था। वहीं, उमा ने रायसेन के एक मंदिर के गर्भगृह का ताला खुलवाने के लिए आंदोलन किया था।


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