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उज्जैन. महाशिवरात्रि आयोजन को देखते हुए विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में कुछ व्यवस्थाएं बदली गई हैं। 28 फरवरी से 2 मार्च तक किसी भी व्यक्ति को गर्भगृह और नंदी मंडपम में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। केवल पुजारी, पुरोहित और व्यवस्था में लगे कर्मचारियों को हो ही प्रतिबंधित क्षेत्र में आने-जाने की अनुमति रहेगी।
इसलिए लिया गया फैसला: महाकाल मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि महाशिवरात्रि पर देशभर से हजारों श्रद्धालु भगवान महाकाल के दर्शन करने आते हैं। श्रद्धालुओं को गर्भगृह, नंदी मंडपम् में प्रवेश देने से व्यवस्था बिगड़ती है और दर्शन में भी समय लगता है। लिहाजा 28 फरवरी से 2 मार्च तक (3 दिन) तक गर्भगृह और नंदी मंडपम में भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है।
नई व्यवस्था में यहां से होंगे बाबा महाकाल के दर्शन: जानकारी के मुताबिक, सभी दर्शनार्थियों को केवल गणेश मंडपम से बाबा महाकाल के दर्शन होंगे। भक्तों को कम समय में सुविधा से भगवान के दर्शन हो सकें, इसके लिए गणेश मंडपम में एक साथ चार लाइनें चलाई जाएगी।
भगवान महाकाल का घटाटोप श्रृंगार: महाकाल मंदिर में शिव नवरात्रि तीसरे दिन (23 फरवरी को) महाकाल का घटाटोप रूप में श्रृंगार किया गया। 24 फरवरी को भगवान का छबीना रूप में श्रृंगार होगा। शिव नवरात्र की परंपरानुसार, पुजारियों ने 23 फरवरी की सुबह सबसे पहले भगवान चंद्रमौलेश्वर, कोटेश्वर और रामेश्वर का पूजन किया। इसके बाद गर्भगृह में भगवान महाकाल का पंचामृत और चंदन से अभिषेक हुआ। पूजन के बाद 11 ब्राह्मणों ने रुद्र पाठ किया। दोपहर 1 बजे भोग आरती और दोपहर 3 बजे संध्यापूजन के बाद महाकाल को नवीन वस्त्र, आभूषण और घटाटोप मुखारविंद से श्रृंगारित किया।