भोपाल. मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती इस समय चर्चा में हैं। लगातार शराबबंदी की बात कह रहीं उमा ने 13 मार्च को एक शराब दुकान में पत्थर चलाकर बोतल फोड़ दी। इसके एक दिन बाद उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को चिट्ठी लिखी। इसमें उन्होंने सफाई दी कि मैं भी एक महिला हूं और रोती हुई महिलाओं के सम्मान में मैंने शराब की बोतलों पर पत्थर चलाया।
1) बरखेड़ा पठानी आझाद नगर, बीएचईएल भोपाल , यहाँ मज़दूरों की बस्ती में शराब की दुकानों की शृंखला हैं जो की एक बड़े आहाता में लोगों को शराब परोसते हैं । pic.twitter.com/dNAXrh1jRY
— Uma Bharti (@umasribharti) March 13, 2022
सरकार और समाज साथ आएं: उमा ने चिट्ठी में लिखा- मैंने डेढ़ साल पहले शराबबंदी के संदर्भ में आपसे चर्चा की थी। आपने सम्मानपूर्वक सकारात्मक जवाब दिया था। आपने कहा था कि इसको लेकर जागरूकता अभियान शुरू करूं। इस संबंध में मैंने बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा से भी चर्चा की। उनका उत्तर भी आपके जवाब से मेल खाता था। मेरा मानना है कि नशे की जागरूकता के लिए समाज पहल करे, सरकार साथ दे। शराब की दुकानें सरकार की मर्जी से खुलती हैं। इसलिए शराबबंदी सरकार की ओर से और नशामुक्ति अभियान समाज की ओर से होना चाहिए।
रोती महिलाओं को देख नहीं पाई: उमा ने ये भी कहा कि कल यानी 13 मार्च को मैं भोपाल के बरखेड़ा पठानी इलाके में शराब की दुकान और अहाता देखने गई थी। महिलाओं ने बताया कि यहां मजदूरी की बस्ती है, स्कूल है, मंदिर है। यहां शराब की दुकानें बंद करवाने के लिए हम लोग 3 साल से प्रदर्शन कर रहे हैं, प्रशासन आश्वासन भी देता है, लेकिन दुकानें बंद नहीं होती। मैं बात करते हुए मुड़ी कि प्रशासन से बात करूंगी, तभी महिलाओं ने रोते हुए बताया कि शराब पीकर लोग दुकानों के पीछे स्थित घरों में महिलाओं के सामने पेशाब कर शर्मिंदा करते हैं।
यह प्रदेश का सौभाग्य है कि आप जैसा सतोगुणी चरित्र का व्यक्ति प्रदेश का मुखिया है। आप स्वयं नारी का सम्मान करने की बात हमेशा कहते हैं। मेरी प्रतिक्रिया स्वाभाविक थी। मैं शराब दुकान की तरफ मुड़ी, कर्मचारियों को थोड़ा हटने के लिए कहा। फिर पूरी ताकत से पत्थर शराब की बोतलों पर दे मारा। मैं एक महिला हूं और रोती हुई महिलाओं की रक्षा में मैंने पूरी ताकत से एक पत्थर शराब की बोतलों पर दे मारा। क्योंकि ये दुकानें नियम विरुद्ध जगहों पर थी। मैंने जो पत्थर मारा, वह प्रदेश की स्त्रियों और बच्चियों के सम्मान के लिए किया।