शराब की दुकान पर उमा की दबंगई के मायने, अभियान सरकार के लिए मुसीबत खड़ी करेगा?

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Aashish Vishwakarma
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शराब की दुकान पर उमा की दबंगई के मायने, अभियान सरकार के लिए मुसीबत खड़ी करेगा?

भोपाल. पूर्व सीएम उमा भारती (uma bharti) शराबबंदी को लेकर लगातार सरकार को चेतावनी दे रही थीं। अब भारती एक्शन में आ गई है। उन्होंने शराबबंदी के लिए दबंगई वाला तरीका अपनाया है। इसके लिए उमा ने शराब (Liquor) के ठेकों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। रविवार को दुकानों पर तोड़फोड़ की। उमा का ये रौद्र रूप देखकर सभी हैरान है। सभी के जहन में यही सवाल है कि उमा ने ये तरीका अपनाया क्यों? क्या उमा का ये तरीका सरकार के लिए मुसीबत खड़ी करेगा? ऐसा इसलिए कि कांग्रेस भी विरोध करने के लिए इस तरीके को अपनाने की अनुमति मांग रही है।



मजदूरों की कमाई और महिला सुरक्षा: उमा ने तोड़फोड़ के बाद कहा कि मजदूरों की पूरी कमाई इन दुकानों में फूंक दी जाती हैं। यहां के निवासियों एवं महिलाओं ने आपत्तियां की। विरोध में धरने दिए। जब लड़कियां और महिलाए छतों पर खड़ी होती हैं तो शराबी उन्हें देखकर पेशाब करते हैं। महिलाओं को लज्जित करते हैं। उन्होंने शराब की दुकान बंद कराने के लिए प्रशासन को 7 दिन का वक्त दिया है। उमा के तेवर देखते हुए शराब ठेकेदार ने पुलिस को सूचना तक नहीं दी।  



शराब की दुकानों पर अभियान छेड़ा: उमा साफतौर पर कहा चुकी है कि प्रदेश में शराबबंदी होना शुरू हो चुकी है। बीते दिनों उन्होंने कहा था कि वह शराब की दुकानों के सामने खड़े होकर लोगों से पूछेंगी कि वे अपने क्षेत्र में दुकान चाहते हैं या नहीं? पिछले दिनों उन्होंने बैरसिया के तरावली स्थित देवी मंदिर के पास एक शराब की दुकान के सामने खड़े होकर पूछा था कि वे यहां शराब की दुकान चाहते हैं कि नहीं। लोगों ने मंदिर के पास शराब की दुकान का विरोध किया था। इसके बाद भोपाल में भी उमा ने लोगों की मांग बताकर दुकान पर तोड़फोड़ की। उमा के साथ इलाके के लोग भी मौजूद थे। यानी उमा शराबबंदी के लिए जनसमर्थन वाला तरीका अपना रही है। अगर उमा पूरे प्रदेश में ऐसा करती है तो सरकार के लिए मुसीबत खड़ी हो सकती है।



कांग्रेस ने भी दबंगई की इजाजत मांगी: बीजेपी ने इस मामले को उमा का निजी आंदोलन बताया है। पूरे घटनाक्रम को प्रशासन और उमा के बीच का बताकर पल्ला झाड़ दिया है। इधर उमा के बाद कांग्रेस भी यही तरीका अपनाने की मांग कर रही है। कांग्रेस नेता नरेन्द्र सलूजा ने ट्वीट कर कहा कि गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा जी, मैं भी मध्यप्रदेश में शराब के विरोध में हूं। मैं भी चाहता हूं कि प्रदेश में शराब बंदी हो… जिस तरह से उमा भारती जी ने आज शराब की दुकान का विरोध किया है, वैसा विरोध में भी करना चाहता हूं। कृपया अनुमति दीजिए…। इधर कांग्रेस नेता और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी ने उनके साहस की सराहना की है। उन्होंने कहा कि बीजेपी में कोई तो है, जिसकी कथनी और करनी में अंतर नहीं है।



उमा भारती ने शराबबंदी के लिए खोला मोर्चा, ठेकों पर की तोड़फोड़; कांग्रेस का तंज


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