अम्बुज माहेश्नवरी, रायसेन. ऐतिहासिक किले पर बने शिव मंदिर के गर्भगृह में लगे ताले के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती के रायसेन आने और गंगाजल से शिव अभिषेक करने की घोषणा के बाद प्रशासन का तनाव बढ़ गया था। एक दिन पहले मुख्यमंत्री शिवराज और उमा की तकरार के बीच नजर आई थी, लेकिन अब नई केमिस्ट्री के बाद प्रशासन की चिंता बहुत हद तक कम हो गई है। उमा अब शिवराज से मंत्रणा के बाद सोमवार को रायसेन आ रही हैं। सूत्रों के अनुसार शासन-प्रशासन से हर स्तर पर हुई बातचीत के बाद जनभावनाओं को ध्यान में रखकर उन्हें अपने बयान पर कायम रहना पड़ रहा है। उमा रायसेन किले तक तो आएंगी लेकिन न ताले खोलने और न ही गंगाजल से शिव अभिषेक करने पर जोर देंगी।
सुरक्षा के लिए प्रशासन की पूरी तैयारी
सूत्र ये भी बताते हैं कि परिस्थिति अगर अनुकूल रही तो गर्भ गृह के ताले खोलकर उन्हें अभिषेक करने का मौका दिया जाएगा, फिर वापस ताले डाल दिए जाएंगे। इधर प्रशासन और पुलिस ने सुरक्षा के लिहाज से अपनी तैयारी पूरी कर ली है। गौरतलब है कि जब उमा रायसेन में होंगी तब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गैरतगंज के पास ग्राम कहुला में आयोजित राज्य स्तरीय जल संसद कार्यक्रम, जलाभिषेक अभियान का शुभारंभ कर रहे होंगे।
उमा के सामने प्रशासन ने रखी वस्तुस्थिति
उमा भारती को जिला प्रशासन ने अवगत कराया है कि रायसेन का किला एवं उसमें बना शिव मंदिर केन्द्रीय पुरातत्व विभाग (भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण) के अधीन है। मंदिर का गर्भगृह केन्द्रीय पुरातत्व विभाग द्वारा सिर्फ महाशिवरात्रि पर खोला जाता है। शेष दिनों में ये बंद रहता है। रोजाना निर्धारित समय में दर्शक और पर्यटक दरवाजे के बाहर से शिवलिंग एवं अन्य पुरातत्विक महत्व की संरचनाओं का अवलोकन कर सकते हैं। उमा को ये भी बताया गया है कि जिला प्रशासन और राज्य शासन द्वारा शिव मंदिर के गर्भगृह को खोलने का निर्णय नहीं लिया जा सकता। पूर्व सीएम उमा भारती के रायसेन प्रवास के लिए केन्द्रीय पुरातत्व विभाग को अवगत कराया गया है। विभाग यदि अनुमति दे देता है, तो इससे उमा भारती को अवगत कराएगा। फिलहाल जिला प्रशासन को कोई उत्तर केन्द्रीय पुरातत्व से प्राप्त नहीं हुआ है।
1954 के गजट नोटिफिकेशन में एएसआई के अधीन
प्राप्त जानकारी अनुसार 1954 के गजट नोटिफिकेशन में रायसेन किला भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधीन हुआ है। तब से गर्भ गृह में ताला डालने की बात पुरातत्व के अधिकारी बता रहे हैं। किला प्रभारी संदीप कुमार मेहतो के अनुसार एएसआई के मोन्यूमेंट को लेकर अपने अलग नियम होते हैं और इसमें शामिल धरोहर को सहेजने के लिए कई कड़े फैसले लिए जाते हैं। उनका कहना है कि मंदिर परिसर में कभी ताला नहीं लगता, ये सिर्फ गर्भ गृह में है क्योंकि स्टोन के क्षरण न होने के साथ साथ और भी सुरक्षा आवश्यक होती है।