Bhopal. विश्व धरोहर दिवस पर रविंद्र भवन में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय संस्कृति राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने कहा कि भारत के इतिहास को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया है। लेखी ने कहा कि उस समय के साहित्यकार, इतिहासकारों को संस्कृत की ज्यादा जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा कि लिखित इतिहास को जलाया गया है। युवाओं को भारत के स्वर्णिम इतिहास से परिचय किया जाना आवश्यक है।
'दासता झेलने के बाद भी संस्कृति जीवित'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि दासता के हजारों सालों के इतिहास में आक्रमण और हिंसा झेलने के बाद भी भारतीय संस्कृति जीवित है। ये हमारे पुरुषार्थ की उपलब्धि है। भारतीय संस्कृति में अनादि काल से ही महिलाएं पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही हैं। महिलाओं ने विदुषी, क्रांतिकारी, शासका, लेखिका जैसे अनेक रूपों में भारत के विकास में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इस मौके पर मध्यप्रदेश की संस्कृति, पर्यटन मंत्री उषा ठाकुर, सांसद राकेश सिन्हा, पद्मश्री के के मुहम्मद, साहित्यकार कपिल तिवारी, प्रज्ञा प्रवाह के राष्ट्रीय संयोजक जे.नन्द कुमार, इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र के सदस्य सचिव डॉ. सच्चिदानंद जोशी ने अपने विचार रखे।
मंदिरों के अवशेष को संरक्षित करना चाहिए
राम मंदिर के इतिहास के प्रमाण की खोज करने वाले इतिहासकार और पुरातत्वविद पद्मश्री केके मोहम्मद ने कहा कि दिल्ली में कुतुब मीनार के पास भी कई मंदिरों के अवशेष मिले हैं। जिसमें गणेश मंदिर के अवशेष शामिल है। इससे सिद्ध होता है कि वहां गणेश मंदिर थे। वहां एक नहीं अनेक मूर्तियां हैं। उस दौरान वहां पर 27 मंदिरों को तोड़कर कुतुब उल इस्लाम मस्जिद बनाई गई है। जिसके बाद जो अवशेष अब मिल रहे हैं उन्हें इकट्ठा करके म्यूजियम बना देना चाहिए या फिर राष्ट्रीय म्यूजियम में रखवा देना चाहिए।
अयोध्या देने के लिए मुसलमान तो तैयार थे : केके मोहम्मद
केके मोहम्मद ने कहा कि मोन्यूमेंटस के संरक्षण को लेकर आज भी फंड और विजन की कमी है। सरकार कोई भी हो फंड की कमी हमेशा से रही है। उस समय कांग्रेस ने 80 मंदिर खड़े किए लेकिन भाजपा ने 7 साल में एक भी मंदिर नहीं बनाया। उन्होंने अयोध्या मंदिर को लेकर कहा कि उस समय मुसलमान मंदिर देने को तैयार थे लेकिन उन्हें इरफान हबीब, रोमिला तापर, आरव शर्मा के ग्रुप ने भड़काया था जिस वजह से अयोध्या का मंदिर बनने में इतना समय लग गया।