अविनाश नामदेव, Vidisha. विदिशा के आनंदपुर में दो युवकों का निकाह है। उनके निकाह का कार्ड बेहद खास है क्योंकि मुस्लिम शादी के कार्ड पर गणेश और राधाकृष्ण की तस्वीर है और ये कार्ड उर्दू की जगह हिंदी भाषा में है। शादी के कार्ड पर लिखा है अपनों की इनायत कभी खत्म न होगी, रिश्तों की मोहब्बत कभी कम न होगी। जिंदगी में अगर साथ अपनों का हो तो, जिंदगी जन्नत से कम न होगी।
निकाह के कार्ड पर गणेश और राधाकृष्ण की तस्वीर
आनंदपुर के रुस्तम खान के दोनों बेटे इरशाद और अंसार का निकाह है। रुस्तम तो अब इस दुनिया में नहीं हैं लेकिन उनके परिजन ने क्षेत्र में निकाह के अनोखे कार्ड से छाप छोड़ी है। दूल्हे अंसार और इरशाद ने शादी के कार्ड पर भगवान गणेश और राधाकृष्ण की तस्वीर लगाई है। मुस्लिम शादी के अनोखे कार्ड पूरे इलाके में चर्चा का विषय बने हुए हैं।
उर्दू में नहीं हिंदी भाषा में छपा मुस्लिम शादी का कार्ड
विदिशा में निकाह में कार्ड उर्दू में नहीं हिंदी भाषा में है। कार्ड में सुपुत्र, सुपुत्री के साथ प्रतिभोज, दर्शनाभिलाषी जैसे शब्दों का इस्तेमाल इस अपील के साथ किया गया है कि हिंदी हमारी राष्ट्रभाषा है और देश में आज भी गंगा-जमुनी तहजीब कायम है, इसका सम्मान करें। आमतौर पर मुस्लिम शादी का कार्ड उर्दू में छपता है या इंग्लिश में जबकि मुस्लिम समाज में हिंदी सहित लाल रंग से निमंत्रण पत्र छपवाने से परहेज किया जाता है। इस शादी का कार्ड हिंदी में है और उस पर भगवान गणेश और राधाकृष्ण की तस्वीर भी है।