GWALIOR मनोज भार्गव . इस समय पूरे देश में शक्ति का पर्व नवरात्रि चल रहा है और ऐसे में शिवपुरी में शक्ति की प्रतीक बेटियों को और शक्तिशाली बनाने अनुकरणीय प्रयास किये जा रहे हैं। यहाँ बेटियां आत्मरक्षार्थ रायफल से लेकर तलवार और लाठी चलाने का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। ख़ास बात ये है कि इसमें बालिकाएं पूरे उत्साह से और बढ़ -चढ़कर हिस्सेदारी कर रहीं है और खुश भी हैं।
पर्यावरण बाबा का अनूठा आयोजन
शिवपुरी एक और नवरात्रि चल रही है लोग कन्याओं का पूजन कर रहे हैं तो दूसरी ओर शिवपुरी शहर में छात्राओं को आत्मरक्षा के गुण सिखाने का सिलसिला शुरू हो गया है पर्यावरण बाबा के नाम से मशहूर बृजेश तोमर ने छात्राओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें रायफल से लेकर तलवार बाज़ी ओर लाठी चलाने का प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।
क्यों मन में आया यह ख्याल
यह प्रशिक्षण 5 साल से लेकर 16 साल तक की छात्राओ को दिया जा रहा हैं। और अपनी आत्मरक्षा के लिए लाठी और तलवार का प्रशिक्षण ले रही हैं बृजेश तोमर का कहना है कि आज जिस तरह से लड़कियां महफूज नहीं है। देश के किसी न किसी कोने से बच्चियों के साथ घटनाएं घटित होने की खबरें रोज ही आती हैं ,इसलिए उनके मन में ख्याल आया कि बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उन्हें आत्मरक्षा के गुण सिखाई जाएं इसी सोच के चलते उन्होंने छात्राओं को प्रशिक्षण देने का मन बनाया और और उन्हें प्रशिक्षित किया जा रहा है।
बच्चियां बोली - आत्मविश्वास बढ़ा और जॉब में भी काम आएगी यह ट्रेनिंग
दूसरी और प्रशिक्षण में बढ़-चढ़कर भाग ले रही युवतियां इस ट्रेनिंग में आकर न केवल खुश है बल्कि गर्व भी महसूस कर रहीं है। इसमें शामिल लक्ष्यता सिकरवार का कहना है कि अब रायफल तलवार और लाठी के माध्यम से अपनी तो रक्षा कर ही सकती है साथ ही निहत्थे होने पर भी उन्हें अपनी सुरक्षा के लिए भय महसूस नहीं होगा। एक अन्य प्रशिक्षणार्थी साक्षी राजावत बताती है कि वह प्रशिक्षण में लाठी के साथ-साथ तलवार और राइफल का भी प्रशिक्षण ले रही है जिससे वह आत्मनिर्भर बनकर अपनी रक्षा कर सकें। बच्चियों का यह भी कहना है की इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ रहा है और यह ट्रेनिंग उन्हें आगे जॉब में भी मददगार बनेगी। वे सेना और पुलिस में भी जा सकती है और निजी सिक्युरिटी में भी। जहां आज के आधुनिक होते समाज में बेटे और बेटी में फर्क समझा जाता है तो वही बेटियों का कहना है कि आप बेटियां, बेटों से किसी भी मोर्चे में कम नहीं है और बाहर पढ़ाई के लिए भी जाएंगे तो वह अपनी रक्षा तो करेंगे साथ ही दूसरों की भी रक्षा कर सकती हैं।बहरहाल आज जहां महिलाएं और बेटियां सुरक्षित नहीं है वही इस तरह के प्रशिक्षण से बेटियों को आत्मनिर्भर बनाकर आत्म रक्षा करने का यह प्रशिक्षण एक सराहनीय और अनुकरणीय पहल है।