NEEMUCH. नीमच में इस साल औसत बारिश के बावजूद खेतों में लहलहा रही फसलों को देखकर किसानों के चेहरे खिले हुए थे। बेमौसम बारिश ने उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया। सोयाबीन, मक्का और मूंगफली की फसल को भारी नुकसान हुआ। कुछ किसानों की फसल कट रही थी जो पानी में गीली हो गई। किसानों के खेत में पानी भर गया।
बारिश से बर्बाद हुई फसलें
रतनगढ़, नीमकाखेड़ा, चामुंडिया, बल्दरखा, देहपुर, आलौरी, गरवाड़ा, बधावा, कस्मारिया में सोयाबीन और मक्का की फसलों को भारी नुकसान हुआ है। सैकड़ों किसानों ने क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, प्रशासनिक अधिकारी और तहसीलदार, पटवारी से निवेदन किया है कि तुंरत किसानों के खेतों में जाकर नुकसान का सही आकलन करके मुआवजा दिलाएं।
सोशल मीडिया पर किसानों के पक्ष में उठाई जा रही आवाज
जावद क्षेत्र के किसान देवेंद्र आहिर ने कहा कि इस बारिश से किसानों की फसलें चौपट हो गई हैं। बीमा कंपनी और सरकार को तुरंत सर्वे करवाकर किसानों को मुआवजा देना चाहिए। सोशल मीडिया पर भी किसानों के पक्ष में आवाज उठाई जा रही है। अब देखना है कि सरकार किसानों के हित में क्या कार्य करती है और बीमा कंपनी कब सर्वे करवाकर किसानों को बीमा क्लेम देती है।
वर्षा से फसल नुकसान की तुरंत सूचना दें किसान भाई
नीमच में बारिश से कुछ किसानों के खेतों में जलभराव और फसल के नुकसान की सूचना मिल रही है। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत 72 घंटे के भीतर नुकसान की सूचना दी जानी अनिवार्य है, जिससे बारिश के प्रकरणों में कृषकों के खेत का सर्वे कार्य समय-सीमा में किया जा सके। कृषक एग्रीकल्चर इंश्योरेंस कंपनी के टोल फ्री नंबर 18002337115 पर सोमवार से शुक्रवार, सुबह 10 से शाम 5:30 बजे तक फसलों के नुकसान की सूचना दी जा सकती है।