GUNA. गुना में नगर सरकार की पहली बैठक हुई। सबकुछ ठीक नहीं होने को लेकर चुनी हुई पीआईसी के पार्षद सदस्य और कांग्रेस के पार्षदों में जमकर बहस हुई। बहस में कुछ पार्षद लड़ने को उतारू हो गए। निर्धारित समय पर तय एजेंडे को लेकर प्रथम सामान्य सभा का सम्मेलन आहूत किया गया था। इस सम्मेलन में नगर पालिका की अध्यक्ष सविता अरविंद गुप्ता, उपाध्यक्ष धरम सोनी, सीएमओ इंशाक धाकड़ सहित बीजेपी और कांग्रेस के पार्षदों,नपा के अधिकारियों सहित पत्रकार और आमंत्रित गण थे। बैठक में अध्यक्ष ने समस्त कार्यवाहियों के लिए अधिकृत सीएमओ को किया, निर्धारित एजेंडे को पढ़कर सुनाया गया जिसमें वार्ड के विकास के लिए प्रत्येक वार्ड को 3 लाख रुपए स्वीकृत करने पर एक राय नहीं हो सकी और कांग्रेस पार्षदों ने इस राशि को 19 लाख किए जाने की बात कही।
पार्षदों के बीच जमकर हुई बहस
इस बात को लेकर एक वार्ड के कांग्रेस पार्षद शेखर वशिष्ठ और अन्य वार्ड के बीजेपी पार्षद और पीआईसी सदस्य के बीच जमकर नोक-झोंक हो गई। जिस पर कांग्रेस और बीजेपी के कुछ पार्षदों ने भी इस बात की खिलाफत की। इसके बाद इसकी सहमति के लिए वोटिंग कराई गई जिसमें पक्ष में 19 और विपक्ष में 18 वोट पड़े। सीएमओ पर वोटों में गड़बड़ी करने के आरोप लगे और हंगामा मच गया। कांग्रेस की महिला पार्षदों से बीजेपी के पार्षद बहस करते हुए कैमरे में कैद हो गए। इस पर नाराजगी जताते हुए बीजेपी और कांग्रेस के पार्षदों ने बैठक का बहिष्कार कर दिया।
पीआईसी के गठन में धांधली का आरोप
नगर पालिका की अध्यक्ष ने अध्यक्ष पद का चुनाव बीजेपी के एजेंडे के खिलाफ जीता था जिसका काफी विरोध और शिकायत पार्टी फोरम पर प्रदेश और दिल्ली में हुई थी। वहीं पीआईसी के गठन में भी धांधली का आरोप लगाते हुए आवक-जावक रजिस्टर की खाली कॉपी के साथ कलेक्टर से शिकायतें होने के बाद जांच चल रही है। इसके चलते नगर पालिका की पहली सामान्य सभा का सम्मेलन हंगामेदार होने की आशंका व्यक्त की गई थी और वैसा हुआ भी।
संजीवनी क्लीनिक खोलने की जगह को लेकर हंगामा
नगर पालिका की पहली सामान्य सभा में शहर में 6 संजीवनी क्लीनिक खोले जाने की जगह को लेकर हंगामा शुरू हो गया। पार्षदों ने कहा किस वार्ड में संजीवनी क्लीनिक खोले जाएं इसका प्रस्ताव सर्वसम्मति से स्वीकृत किया जाए। वहीं शहर में स्वच्छ्ता को लेकर कार्य कर रही एनजीओ की जागरुकता और उसके कार्य को लेकर भी विरोध और हंगामा मचा। इस कार्य के लिए टेंडर निकलने के साथ इसको एक्सटेंशन नहीं देने की बात सीएमओ के सामने रखी गई जिसका अधिकांश पार्षदों ने सहमति देते हुए हाथ भी उठाए जिसमें टेंडर लगाए जाने की बात कही गई।