बैतूल जिला अस्पताल में प्रसूता की मौत पर हंगामा, परिजनों का आरोप- डॉक्टर ने मांगे 5 हजार रुपए , देरी से किया गया सीजर

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The Sootr CG
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बैतूल जिला अस्पताल में प्रसूता की मौत पर हंगामा, परिजनों का आरोप- डॉक्टर ने मांगे 5 हजार रुपए , देरी से किया गया सीजर

विनोद पातरिया, Betul. जिला अस्पताल बैतूल में सीजर के बाद एक प्रसूता की मौत हो गई। प्रसूता की मौत के बाद परिजन प्रसूता के शव को लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंच गए। प्रसूता के परिजनों ने जिला अस्पताल की महिला डॉक्टर  5 हजार रुपए की डिमांड करने का आरोप लगाया है । परिजनों का कहना है कि रुपए की डिमांड पूरी नहीं कि इसलिए सीजर में हुई देरी के कारण मौत हुई है। परिजनों ने दोषी महिला डॉक्टर पर कार्रवाई की मांग की है। महिला मूलतः घोड़ाडोंगरी की रहने वाली है और प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के गृह ग्राम जैत के निकट हिंगना में ब्याही थी। प्रसव के लिए वह मायके आई थी और बैतूल जिले के घटिया स्वास्थ्य सिस्टम की भेंट चढ़कर प्रसूता को असमय काल के गाल में समाना पड़ गया। महिला के पति और भाई ने इस मामले में डॉक्टर पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है, लेकिन लगता नहीं अन्य मामलों की तरह जिला अस्पताल प्रबंधन इस मामले में भी कुछ कर पाए।



समय पर नहीं मिला उपचार



जानकारी के अनुसार दीपिका तोमर  का विवाह कुछ वर्ष पहले बुधनी तहसील के हिंगना में हुआ था। गर्भवती होने के कारण प्रसव के लिए महिला को ससुराल वालों ने अपने मायके घोड़ाडोंगरी भेज दिया था। प्रसव वेदना के कारण 2 दिन पहले महिला को परिजनों ने जिला अस्पताल में भर्ती कराया। महिला के परिजन के मुताबिक जिला अस्पताल की डॉक्टर वंदना धाकड़ द्वारा उनसे प्रसव के लिए 5000 रुपए की डिमांड की गई थी। गरीब परिस्थिति के लोग इतनी राशि का इंतजाम कराने के लिए परेशान होते रहे।। कल जब डॉक्टर को उधार लाकर 5000 रुपए दिए गए। इसके बाद जब इलाज शुरू किया गया, लेकिन सीजर आपरेशन के बावजूद प्रसव में देरी के कारण महिला की बच्चादानी फट गई और कुछ देर बाद महिला ने दम तोड़ दिया। हालांकि नवजात की जान बच गई हैं। 2 दिनों से अस्पताल में भर्ती महिला का समय पर पैसे के अभाव में इलाज नहीं होने से परिजन भड़क गए।



डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप



मृतका दीपिका के पति जय सिंह तोमर ने आरोप लगाया कि 2 दिन से उनकी पत्नी जिला अस्पताल में प्रसव वेदना झेल रही थी, लेकिन डॉ वंदना धाकड़ द्वारा 5000 की मांग की जा रही थी। इसी के चलते डॉक्टर ने उनकी पत्नी का इलाज शुरू नहीं किया । जब 5000 रुपए की व्यवस्था कर डॉक्टर को दिए, तब इलाज शुरू हुआ, लेकिन इलाज में देरी होने के कारण उनकी पत्नी की जान चली गई। तोमर ने आरोप लगाया कि जिला अस्पताल के लापरवाह सिस्टम के कारण उनकी पत्नी की जान गई हैं । प्रसूता के भाई ने भी डॉक्टर की लापरवाही से उनकी बहन की जान जाने के आरोप लगाए है। पति और भाई ने जिला अस्पताल प्रबंधन से इस मामले में उच्चस्तरीय जांच कर दोषी डॉक्टर पर कार्यवाही की मांग की है।


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