Bhopal. प्रदेश में नगरीय निकायों ( नगर निगम,नगर पालिका, नगर परिषद) के चुनाव पहले और पंचायतों के चुनाव बाद में होंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक सरकार का फोकस नगरीय चुनाव पर ज्यादा है इसलिए ये बारिश से पहले करा लिए जाएंगे। पंचायतीराज संस्थाओं (ग्राम पंचायत, जनपद पंचायत, जिला पंचायत) के चुनाव बारिश के बाद ही होंगे।
7 दिन में पूरी करनी होगी आरक्षण की प्रक्रिया
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार,17 मई को ओबीसी आरक्षण पर फैसला सुनाते हुए 7 दिन में नगरीय निकाय और पंचायतों के आरक्षण की प्रक्रिया पूरी करने के निर्देश दिए हैं। इसी अवधि में आरक्षण को लेकर दावे आपत्ति की प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी।
आरक्षण प्रक्रिया के 7 दिन बाद चुनाव की तारीख का ऐलान
आरक्षण प्रक्रिया पूरी होने के 7 दिन बाद राज्य निर्वाचन आयोग चुनाव की अधिसूचना जारी कर चुनाव कार्यक्रम का ऐलान करेगा। चुनाव के लिए आयोग जो तारीख घोषित करेगा उससे सात दिन के भीतर प्रत्याशियों के नामांकन फार्म जमा करने और नाम वापस लेने की प्रक्रिया पूर्ण करनी होगी। प्रदेश में नगरीय निकायों के चुनाव की संपूर्ण प्रक्रिया करीब 30 दिनों में पूरी हो जाएगी।
बारिश की वजह टलेंगे पंचायत चुनाव
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक पंचायत चुनाव बाद में कराने की बड़ी वजह मानसून की बारिश है। चूंकि तेज बारिश के दौरान प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में जगह-जगह बाढ़ की स्थिति बन जाती है। इस कारण गांवों का संपर्क टूट जाता है। लिहाजा ऐसे में चुनाव कराने में मुश्किल होगी। महाराष्ट्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट से मानसून की वजह बताकर ही पंचायत चुनाव के लिए समय मांगा था। इसी आधार पर मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार भी पंचायत चुनाव के लिए समय ले सकती है। नगरीय निकाय संस्था के चुनावों के मुकाबले प्रदेश में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया करीब 45 दिन में पूर्ण होगी।