अविनाश नामदेव, VIDISHA. विदिशा के तीन युवकों का यात्रा से लौटते समय ओडिशा (Odisha) में सड़क हादसा (road accident) हो गया था। घायलों को सरकारी अस्पताल (Government Hospital) में भर्ती किया गया। घायलों की गंभीरता को देखते हुई उन्हें सिटी सिल्वर प्राइवेट हॉस्पिटल कटक (City Silver Private Hospital Cuttack) में भर्ती करा दिया गया। यहां उपचार के दौरान गंभीर रूप से घायल जीवन अहिरवार (Jeevan Ahirwar), जो कि ड्राइवर था ने दम तोड दिया। अन्य दो भाव सिंह अहिरवार (Bhav Singh Ahirwar) और पंकज कुशवाह (Pankaj Kushwaha) गंभीर रूप से घायल होने की वजह से प्राइवेट अस्पताल में ही भर्ती थे।
यह है पूरा मामला
घायल पंकज ने मृतक जीवन अहिरवार के घर फोन कर बताया कि उनकी गाड़ी का एक्सीडेंट हो गया है, जिसमें जीवन की मृत्यु हो गई है और वह भी घायल होने के कारण भर्ती है। सूचना मिलने पर परिवार के लोग सिटी सिल्वर हॉस्पिटल कटक पहुंचे। यहां उनसे अस्पताल प्रबंधक ने इलाज में खर्च हुए 5,40000 रुपए का बिल चुकाने को कहा। पैसे ना होने की वजह से बिल चुकाने में असमर्थ परिवार के लोगों को अस्पताल प्रबंधक ने जैसे-तैसे जीवन की डेड बॉडी तो दे दी। लेकिन पंकज, भाव सिंह और उसके पिता शिवलाल अहिरवार को यह कहकर बंधक बना लिया कि पहले अस्पताल का बिल चुकाओ, फिर यहां से जाने देंगे।
पीड़ित घर पहुंचे
जब इस बात की भनक करैया खेड़ा रोड़ निवासी भाव सिंह की मां अजुद्दी बाई को लगी तो वह परिजन सहित प्रशासन की मदद लेने के लिए सिविल लाईन थाना पहुंचे। थाने में शिकायत करते हुए उन्होंने बताया कि उनका घायल बेटा भाव सिंह, पति शिवलाल और पंकज को अस्पताल प्रबंधन ने बिल ना चुका पाने की वजह से बंधक बना लिया है। मामले को गंभीरता से लेते हुए विदिशा कलेक्टर उमाशंकर भार्गव और एसपी मोनिका शुक्ला ने वहां के प्रशासन से संपर्क कर बंधक लोगों को मुक्त कराने का आग्रह किया। इसके बाद पीड़ित घर आ सके।