संजय गुप्ता. INDORE. जिले में लंपी वायरस को लेकर 100 से ज्यादा मामले रजिस्टर्ड हो चुके हैं लेकिन इन मवेशियों के लिए सबसे बड़ा संकट वैक्सीन का आ गया है। इंदौर जिले में कोटे के 9 हजार वैक्सीन थे जो खत्म हो चुके हैं, स्थानीय अधिकारी भोपाल से लगातार इसकी मांग कर रहे हैं लेकिन फिलहाल अभी वैक्सीन तो नहीं मिले लेकिन आश्वासन मिल रहा है। जानकारी के अनुसार जिले को 30-35 हजार वैक्सीन की जरूरत है।
देश में केवल दो कंपनी बनाती है वैक्सीन
इस बीमारी से बचाव के लिए गोट पॉक्स का वैक्सीन लगाया जा रहा है जो काफी असरकारक बताया जाता है। हालांकि डोज की कीमत 35 रुपए ही है लेकिन समस्या यह है कि यह वैक्सीन बनाने के लिए देश में दो ही कंपनियां है, एक गुजरात में और एक उत्तराखंड में। पूरे देश में इनकी मांग आने से सप्लाय काफी धीमे हो रही है और कोटा सिस्टम के आधार पर इन्हें हर राज्य और फिर राज्य मुख्यालय से जिलेवार आवंटित किए जा रहा हैं।
दूध पीने से नहीं होता यह रोग
विशेषज्ञ डॉ. प्रशांत तिवारी ने कहा कि यह भ्रांति है कि इन संक्रमित मवेशियों का दूध पीने से मनुष्यों को कुछ हो सकता है, इस वायरस का कोई भी प्रभाव इंसान पर नहीं होता है। वैसे भी दूध उबालकर ही पीते हैं। यह केवल गाय और भैंस में ही रोग होता है।
इस रोग के यह लक्षण
डॉ. तिवारी ने बताया कि यह रोग वायरल है जो तीन से सात दिन तक मवेशी में होता है। इसमें मवेशी की सांस नली संक्रमित होती है, जिससे वह खाना छोड़ देती है और बुखार आता है, शरीर पर धब्बे होते हैं। इसका ट्रीटमेंट थोड़ा महंगा और हर दिन औसतन 800 रुपए का खर्च आता है।
जिले में 50 हजार लीटर दूध की सप्लाय हुई कम
वहीं दुग्ध संघ के अध्यक्ष भरत मथुरावाला ने कह कि जिले में हर दिन करीब 12 लाख लीटर दूध सप्लाय होता है लेकिन मवेशियों के संक्रमित होने से 50 हजार लीटर करीब सप्लाय कम हो गई है। संभव है कुछ दिन तक इसका असर रहे लेकिन सभी लोग सतर्कता रखे हुए हैं।