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अविनाश नामदेव, Vidisha. मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के विदिशा (Vidisha) में बाल विवाह (Child Marriage) कराया जा रहा था। जैसे ही इसकी जानकारी चाइल्ड लाइन (Child Line) की टीम को मिली, वैसे ही टीम मौके पर पहुंची और शादी रुकवाई। टीम के सदस्यों ने प्रशासन और पुलिस की मदद से अभिभावकों की काउंसिलिंग करवाई। ये मामला विदेशा शहर के दुर्गा नगर क्षेत्र का है। यहां 13 साल की बच्ची का बाल विवाह किया जा रहा था। बाल विवाह की जानकारी सबसे पहले आंगनवाड़ी कार्यकर्ता रेखा श्रीवास्तव (Rekha Srivastava) को मिली थी, उन्होंने इसकी सूचना चाइल्ड लाइन टीम को दी। टीम ने स्थानीय प्रशासन की मदद से विवाह रुकवाया।
आधार कार्ड से बच्ची की उम्र पता चली
मौके पर पहुंची चाइल्ड लाइन टीम ने बच्ची का आधार कार्ड वेरिफिकेशन किया। आधार कार्ड वेकिफिकेशन से पता चला कि बच्ची की उम्र 13 साल है। महिला बाल विकास के परियोजना अधिकारी संजय सिंह (Sanjay Singh) ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि एक आदिवासी परिवार अशोकनगर (Ashoknagar) से विदिशा कुछ समय पहले ही आए हुए थे और यहां किराए से रह रहे थे। नाबालिग के पिता नहीं हैं और उसकी आर्थिक स्थिति भी ठीक नहीं है।
मां को समझाइश दी गई
वहीं चाइल्ड लाइन टीम ने बताया कि आर्थिक परेशानियों के चलते बच्ची की मां अपनी बेटी का विवाह कर रही थी। बेटी की मां से जब बात की गई तो पता चला कि उसे भी पता नहीं है कि लड़का कौन है, कहां रहता है। उसके रिश्तेदार के कहने पर महिला अपनी बच्ची की शादी करने को तैयार हो गई। टीम के सदस्यों ने बच्ची की मां को समझाइश दी कि बच्ची का सही समय पर और सही परिवार में विवाह करें।