अविनाश नामदेव, Vidisha. यहां पीडब्ल्यूडी ऑफिस (PWD Office) में हुई हत्या का पुलिस ने 24 घंटे में खुलासा कर दिया। 2 जून की शाम पीडब्ल्यूडी कार्यालय में आरटीआई एक्टिविस्ट (RTI Activist Murder) और पूर्व ठेकेदार रंजीत सोनी की हत्या हो गई थी। एसपी मोनिका शुक्ला ने 3 जून को प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए हत्याकांड का खुलासा किया।
आरोपियों ने पैसे और हथियार दोनों मुहैया कराए
एसपी मोनिका शुक्ला ने बताया कि हत्या (Murder) के पीछे पीडब्ल्यूडी के ठेकेदार जसवंत रघुवंशी, नरेश शर्मा और यश कुमार चौबे शामिल हैं। इन तीनों ने ही अपने एक अन्य साथी शैलेंद्र पटेल के साथ हत्या कराने के लिए अंकित यादव उर्फ टुन्डा को सुपारी दी थी। पेशगी (Advance) के रूप में 25 हजार रुपए भी दिए गए थे। जसवंत रघुवंशी ने अंकित को माऊजर भी उपलब्ध कराया गया।
ऐसे दिया वारदात को अंजाम
पुलिस के मुताबिक, पिछले 7 दिनों के दौरान आरोपियों ने अंकित को मृतक (रंजीत सोनी) से आमना-सामना भी कराया। उसकी शक्ल दिखाने के साथ घटना से ठीक पहले मृतक की लोकेशन अंकित को बताई। अंकित ने पीडब्ल्यूडी कार्यालय पहुंचकर रंजीत के पीछे से कनपटी पर गोली मारकर उसे मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस ने पूछताछ के दौरान जसवंत रघुवंशी और उनके साथियों को गिरफ्तार किया। कड़ी पूछताछ के दौरान अंकित का नाम सामने आया। वो हत्या के बाद अपने मामा के घर सिलवानी भाग गया था। कल (2 जून) रात में ही उसे सिलवानी से गिरफ्तार किया गया। अंकित के पास से एक माऊजर और तीन जिंदा कारतूस भी बरामद किए गए। पुलिस में कुछ घंटों में ही आरोपियों को पकड़ने वाली पुलिस टीम को 10 हजार इनाम देने का ऐलान किया है।
चंद रुपयों के लिए ले ली जान
एसपी मोनिका शुक्ला ने हत्या की वजह बताते हुए कहा कि जसवंत रघुवंशी, यश कुमार चौबे को मृतक रंजीत सोनी से कुछ पैसे लेने थे। चैक बाउंस होने के बाद केस कोर्ट में चल रहा था। इसके अलावा बीच में भी दोनों पार्टियों के बीच विवाद हो चुका है इसी बात को लेकर हत्या की साजिश रची गई। पुलिस ने सभी 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
मर्डर की पूरी वारदात, 10 पॉइंट्स में
- पूर्व ठेकेदार रहे रंजीत सोनी का तीनों ठेकेदारों जसवंत रघुवंशी ,यश कुमार चौबे और नरेश शर्मा से था पुराना विवाद।