नीमच में सालों से सड़क की मांग कर रहे हैं ग्रामीण लेकिन नहीं हुई सुनवाई, अब जल सत्याग्रह करने को मजबूर

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Kamlesh Sarda
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नीमच में सालों से सड़क की मांग कर रहे हैं ग्रामीण लेकिन नहीं हुई सुनवाई, अब जल सत्याग्रह करने को मजबूर

NEEMUCH. मध्य प्रदेश सरकार विकास के नाम पर करोड़ों खर्च कर रही है। लेकिन प्रदेश के जिलों के कई गांवों में आज भी लोग, सड़क, बिजली-पानी जैसी सुविधाओं के लिए मोहताज हैं। ग्रामीणों को सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिल रहा है, जिससे ग्रामीण शासन-प्रशासन के कामों से खुश नहीं है। नीमच जिले से ऐसी ही बदहाली की तस्वीर सामने आई है। यहां मालाहेड़ा से कुणिखम्मा गांव तक रोड नहीं बना है। इससे ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बरसात के मौसम में ग्रामीण आवागमन नहीं कर पा रहे हैं। ऐसे में ग्रामीणों की जिंदगी दूभर हो गई है, जिसको लेकर ग्रामीणों ने जल सत्याग्रह करते हुए मोर्चा खोला दिया है। सरकार से गांव में रोड और पुलिया बनाने की मांग की है।



मामला नीमच के मनासा तहसील से है। यहां क्षेत्र के मालाहेड़ा से कुणिखम्मा गांव तक के लोगों ने पुलिया और रोड की मांग को लेकर नदी में उतरकर जल सत्याग्रह शुरू कर दिया है। जल सत्याग्रह में चारभुजा की बारद और देवरी पड़दा गांव के लोग भी इस आंदोलन में शामिल हो रहे हैं। 



लंबे समय से कर रहे रोड बनाने की मांग



ग्रामीणों का कहना है कि सालों से रोड की मांग कर रहे हैं लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। कई बार अधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया। लेकिन समस्या का हल नहीं हुआ।इसलिए मजबूरन सत्याग्रह करना पड़ा। ग्रामीणों ने कहा कि जब तक हमें लिखित में आश्वासन या मौखिक आकर कोई अधिकारी बात नहीं करता तब तक सत्याग्रह जारी रहेगा।


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