Balaghat. बालाघाट में भारी बारिश के चलते बने बाढ़ के हालातों से प्रशासन और एसडीआरएफ की टीमें लगातार जूझ रही हैं। मंगलवार को मौसम ने थोड़ी राहत ली जिसके बाद आपदा राहत कार्यों में तेजी लाई गई है। उमरी गांव में एसडीआरएफ की टीम ने शंकरटोला के ग्रामीणों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। इस दौरान एसडीएम और एसडीओपी भी मौके पर मौजूद रहे। वहीं विधायक हिना कांवरे भी बाढ़ प्रभावित गांवों का दौरा कर रही हैं। कांवरे ने उमरी पहुंचकर राहत कार्यों का जायजा लिया।
शंकरटोला में 150 लोगों का रेस्क्यू
वहीं सबसे ज्यादा बाढ़ से घिरे शंकरटोला क्षेत्र में फंसे 150 लोगों को निकालने का क्रम जारी है। प्रशासन ने अब तक 4 दर्जन लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया है। वहीं राहत कार्य जारी है।
लगातार बारिश से बिगड़े हालात
बता दें कि 4 दिन लगातार बारिश के चलते बालाघाट जिले के नदी नाले उफान पर हैं। अनेक सड़क रास्ते जहां बंद हो चुके हैं वहीं बांध टूटने के चलते कई गांव जलमग्न स्थिति में पहुंच चुके थे। बैनगंगा, बावनथड़ी, बाघ और तन्नौर नदियां लगातार खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं, जिससे पूरे जिले के अधिकांश गांवों में जनजीवन पूरी तरह से अस्तव्यस्त हो चुका है।
संसाधनों की कमी की वजह से राहत कार्यों में देरी
जिले में इस तरह के हालात बीते कई सालों बाद बने हैं। जिसके चलते एसडीआरएफ की टीम के पास भी ऐसे हालातों से निपटने के लिए संसाधनों की कमी महसूस हुई है। वहीं बाढ़ में पूरी तरह से अपनी गृहस्थी को गवां चुके लोग अब प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं।
किसानों की फसलें पानी में डूबी
प्रदेश के धान उत्पादक जिलों में अव्वल बालाघाट जिले में यह भारी बारिश किसानों के लिए भी मुसीबत बनकर टूटी है। बाढ़ और बारिश में लगभग पूरे जिले के किसानों की फसलें डूब चुकी हैं। ऐसे में किसानों को भी आजीविका की चिंता सताने लगी है।