BHOPAL. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकाय के चुनाव (municipal elections) चल रहे हैं। आदर्श आचार संहिता (model code of conduct) प्रभावशील है। प्राप्त जानकारी के अनुसार कांग्रेस द्वारा नगरीय निकाय चुनावों के परिप्रेक्ष्य में बीजेपी सरकार (BJP government) और संबंधितों के विरुद्ध की गई शिकायतों पर अभी तक आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज नहीं हुआ है। इस कारण प्रदेश के बीजेपी नेताओं, विधायकों, मंत्रियों और अधिकारियों के हौसले बुलंद हैं।
कांग्रेस ने सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री और चुनाव आयोग कार्य प्रभारी जेपी धनोपिया (JP Dhanopia) ने चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में कहा है कि प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा आदर्श आचार संहिता का लगातार उल्लंघन किया जा रहा है। नगरीय निकाय चुनाव को प्रभावित करने के उद्देश्य से मतदाताओं को तरह-तरह के प्रलोभन दिए जा रहे हैं। 28 जून को राज्य सरकार के मुखिया शिवराज सिंह चौहान और पूरे मंत्रिमण्डल ने कैबिनेट की बैठक की। इस दौरान कैबिनेट बैठक में उज्जैन और बुधनी में चिकित्सा महाविद्यालय, 23 नए आईटीआई संस्थान खोलने की स्वीकृति दी गई। यही नहीं जबलपुर में छिता खुदरी माध्यम सिंचाई परियोजना स्वीकृत की गई तथा रूरल टेक्नालॉजी पार्क, मुरैना में कई नए पदों की स्वीकृति भी दी गई, जो सीधे तौर पर नगरीय और पंचायत के चुनावों को प्रभावित करने की श्रेणी में आते हैं।
केस दर्ज करने की मांग की
जेपी धनोपिया ने चुनाव आयोग को भेजी शिकायत में कहा है कि कैबिनेट में लिए गए निर्णय वापस लिए जाए साथ ही प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उनके पूरे मंत्रिमण्डल के सदस्यों के विरुद्ध आचार संहिता के उल्लंघन का केस दर्ज कर कार्रवाई की जाए, ताकि पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनाव निष्पक्ष और स्वतंत्र रूप से संपन्न हो सके।