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संजय गुप्ता, INDORE. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बड़े भैया के नाम से मशहूर पंडित विष्णु प्रसाद शुक्ला का निधन 25 अगस्त को हो गया था। आज यानी 26 अगस्त को वे पंचतत्व में विलीन हो गए। सुबह बाणगंगा स्थित उनके निवास दुर्गाभवन पर हजारों की संख्या में लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। क्षेत्र की सभी दुकानें बंद थी और लंबी लाइन इनकी अंतिम यात्रा में चल रही थी। कांधा देने वाले में उनके पुत्र राजेंद्र शुक्ला, विधायक संजय शुक्ला के साथ बीजेपी के कैलाश विजयवर्गीय, रमेश मेंदोला सहित कई बड़े नेता थे। मरीमाता स्थित मुक्तिधाम पर बड़े पुत्र राजेंद्र ने मुखाग्नि दी। वहीं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, पूर्व सीएम कमलनाथ के साथ प्रदेश के सभी बड़े नेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी। शवयात्रा में सत्यनारायण सत्तन, बाबूसिंह रघुवंशी, कृष्णमुरारी मोघे, आकाश विजयवर्गीय, सुरेश पचौरी, पुष्यमित्र भार्गव, सुदर्शन गुप्ता, विशाल पटेल, महेंद्र हार्डिया, कृपाशंकर शुक्ला सहित कई बड़े नेता मौजूद थे।
दिन में दस रुपए कमाते थे, मिल में भी काम किया
शुक्ला साल-1937 में जानापाव के पास जामली गांव में पैदा हुए थे। आठ भाई-बहन और 12 मौसेरे भाई-बहनों में सबसे बड़े होने के चलते उन्हें बड़े भैया नाम मिला। उन्होंने गरीबी के दिन भी देखे हैं। तब वह दिन भर रंगाड़े चलाकर दस रुपए कमाते थे। मिल में भी काम किया है। लेकिन धीरे-धीरे वह राजनीति में आए और जब 1970 के दशक में सांवेर में जनपद अध्यक्ष का चुनाव जीता तो वह प्यारेलाल खंडेलवाल और कुशाभाऊ ठाकरे की नजरों में आए, इसके बाद वह बीजेपी में आ गए। एक समय बीजेपी में उनकी, प्रकाश सोनकर, सत्तन नेता की तिकड़ी की चलती थी। इसमें हर समस्या को निपटाने का माद्दा शुक्ला ही रखते थे और बीजेपी के लिए स्टार प्रचारक की तरह थे।
निधन पर बोले नेता- "किसी दल के नहीं थे बड़े भैया, वे सभी राजनीतिक दलों को प्यारे थे"
पूर्व सांसद फूलचंद वर्मा ने कहा कि हमारा मित्र हमसे दूर चला गया। विजयवर्गीय ने कहा कि वह ना कभी झुके और ना ही रुके। सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि उनका निधन सूनापन दे गया है। पंडित शुक्ला ने कहा कि ब्राहमण समाज को एकजुट करने में उनकी अहम भूमिका थी। केके मिश्रा ने कहा कि वह किसी दल के नहीं, सभी राजनीतिक दलों के थे।