Bhopal. त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बिगुल बजने के बाद पंचायतों में हलचल तेज हो गईं हैं। जहां एक तरफ आगामी चुनाव को उम्मीदवारों ने प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है तो वहीं दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने भी तैयारियां तेज कर दी है। ऐसे में अपना उम्मीदवार चुनने के लिए मताधिकार का उपयोग करने वाले मतदाताओं के जरूरी दस्तावेज की सूची जारी की है। आयोग ने पंचायत चुनाव में मतदान करने के लिए 22 तरह के दस्तावेज वोटरों के लिए मान्य की है। जिसमें से कोई भी एक दस्तावेज पहचान के तौर पर मतदान केंद्र पर दिखाना जरूरी होगा, दस्तावेज दिखाने के बाद ही वोटर अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकते हैं।
22 दस्तावेजों की लिस्ट
मतदाता मतदान केंद्रों पर मतदान के लिए पहचान के रूप में 22 दस्तावेजों में से भारत निर्वाचन आयोग ने मतदाता पहचान पत्र के अलावा इनका इन दस्तावेजों को दी मंजूरी। इनका उपयोग कर मतदाता वोट डाल पाएंगे।
1. भू-अधिकार और ऋण पुस्तिका
2. पीला राशन कार्ड काम के बदले अनाज योजनान्तर्गत जारी
3. नीला राशन कार्ड गरीबी रेखा के नीचे हितग्राहियों हेतु जारी
4. राशन कार्ड
5. बैंक
6. किसान
7. डाकघर की पासबुक
8. शस्त्र लायसेंस
9. सम्पत्ति दस्तावेज जैसे- पट्टा, रजिस्ट्ररी, ब्लेख आदि
10. विकलांगता का प्रमाण-पत्र
11. निराश्रित प्रमाण-पत्र
12. तेदूपत्ता संग्राहक पहचान पत्र
13. सहकारी समिति का अंश प्रमाण-पत्र
14. किसान क्रेडिट कार्ड
15. पासपोर्ट साइज
16. ड्रायविंग लायसेंस
17. आयकर पहचान पत्र पीएएन कार्ड
18. राज्य, केन्द्र सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम
19. स्थानीय निकाय या अन्य निजी औद्यौगिक घरानों द्वारा उनके कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले सेवा पहचान पत्र
20. छात्र पहचान पत्र
21. सक्षम प्राधिकारियों द्वारा जारी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, आदिवासी प्रमाण-पत्र
22. पेंशन दस्तावेज जैसे कि भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक, पेंशन अदायगी आदेश, भूतपूर्व सैनिक विधवा, आश्रित प्रमाण-पत्र, रेलवे पहचान पत्र और स्वतंत्रता सेनानी पहचान पत्र मतदान के दौरान उपलब्ध होना चाहिए।
पीठासीन अधिकारी का संतुष्ट होना जरूरी
इसके अलावा पीठासीन अधिकारी ऐसा कोई अन्य अभिलेख भी स्वीकार कर सकेगा, जिससे वह मतदाता की पहचान के संबंध में संतुष्ट हो सकें। यदि कोई मतदाता दस्तावेज प्रस्तुत करने पर असफल रहता है तो पीठासीन अधिकारी स्थानीय कोटवार, पटवारी, शिक्षक, ग्राम पटेल, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, आंगनवाड़ी सहायिका और आदि कर्मियों या किसी प्रतिष्ठित स्थानीय निवासी से उसकी पहचान स्थापित करने के बाद ही उसे मतपत्र प्रदान किया जाएगा।