गुना में नगर पालिका के सीएमओ और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर में छिड़ी जंग, बस स्टैंड के कंट्रोल कमांड कक्ष में जबरन कब्जा करने का मामला

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The Sootr CG
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गुना में नगर पालिका के सीएमओ और चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर में छिड़ी जंग, बस स्टैंड के कंट्रोल कमांड कक्ष में जबरन कब्जा करने का मामला

नवीन मोदी, GUNA. गुना की नगर पालिका परिषद में चुनाव के बाद अध्यक्ष पद पर क्रॉस वोटिंग करने के लिए बीजेपी पार्षदों के बीच विवाद छिड़ा है, जो थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच सूत्र बस सेवा के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर भूपेन्द्र सिंह चौहान और नगर पालिका परिषद के सीएमओ अपने-अपने अधिकारों को लेकर और नियम विरुद्ध एक-दूसरे पर काम करने का आरोप लगा रहे हैं। 



बिना जानकारी के अनुबंध किया खत्म



आरोप है कि नगर पालिका के सीएमओ ने अपने एक आदेश में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर से किया गया अनुबंध खत्म कर दिया है। अचानक ही इस अनुबंध को खत्म करने के बाद चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर के चेंबर पर नगर पालिका के दूसरे अधिकारियों ने कब्जा कर लिया है। भूपेंद्र सिंह चौहान की जगह सीएमओ ने दूसरे व्यक्तियों को इसकी जिम्मेदारी दी है। इसको लेकर चौहान ने अपने ऑफिस पर अनाधिकृत रूप से कब्जा करने और कब्जा हटाने के लिए सीएमओ इशांक धाकड़ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। भूपेंद्र चौहान ने नियम विरुद्ध समाप्त किए गए अनुबंध को निरस्त करने और वेतन का भुगतान करने की मांग की है। इसी के साथ उन्होंने उनके ऑफिस में कब्जा करने वालों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने की अपील की है।



यह है मामला



अमृत योजनान्तर्गत गुना नगरीय निकाय में साल 2016 में गुना सिटी ट्रांसपोर्ट सर्विसेस लिमिटेड की स्थापना की गई थी। इसका चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर भूपेन्द्र सिंह चौहान को संचालनालय भोपाल ने नियुक्त किया था। इसके बाद अप्रैल 2020 से उनके वेतन का भुगतान नगरीय निकाय गुना से हर महीने हो रहा था। ऐसे में संचालनालय के आदेश के बिना चौहान को हटाया नहीं जा सकता था। चौहान ने लोक परिवहन के कार्यों में बेहतर काम करते हुए शहर को पीपीपी मॉडल पर आधारित बस शेल्टर, यूनिपोल और गेंट्री गेट की स्थापना के साथ यातायात को एक टोइंग वेन और क्रेन उपलब्ध कराई, जिससे शहर का यातायात सुव्यवस्थित रहे।



सीएमओ पर लगाए आरोप



चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर भूपेन्द्र सिंह चौहान ने नगर पालिका के सीएमओ इशांक धाकड़ को पद से हटाए जाने के बाद भेजे गए पत्र में कहा कि, मेरी अनुपस्थिति में सूत्र सेवा बस स्टैंड कंट्रोल कमांड रूम में दामोदर व्यास, आशीष रघुवंशी, दीपक धाकड़, अमित आर्य और नितिन चंदेल समेत 2 कर्मचारियों ने ऑफिस के सामान से छेड़छाड़ की है। इन कर्मचारियों ने किसके आदेश पर ऑफिस से छेडख़ानी की। इनके खिलाफ संबंधित पुलिस थाने में फआईआर दर्ज कराई जाए। भूपेन्द्र ने अपने पत्र में कहा कि उनकी पत्नी की तबियत खराब थी, बेटे का फोन आने पर वो सागर गए थे, इसी बीच उनको अनुबंध खत्म होने की जानकारी मिली।



बदले की भावना से की गई कार्रवाई



उन्होंने आरोप लगाया कि बदले की भावना से कार्यालय में छेड़खानी की गई और ऑफिस को कब्जे में ले लिया। जबकि मैंने कारण बताओ नोटिस का जवाब दिया। इसके बाद भी अनुबंध समाप्त कर वहां से हटा दिया गया। अनुबंध समाप्त करने वाले नियमों का भी पालन नहीं किया गया। भूपेन्द्र सिंह चौहान ने सीएमओ पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि सीएमओ का भाई सागर में व्यापार करता है, जो सूत्र सेवा की बस से गुना-शिवपुरी अपना माल अनाधिकृत रूप से बगैर शुल्क के भेजता है। जबरन ऐसा काम कराने के लिए दबाव बनाया गया मना करने पर अनुबंध समाप्त किया गया है। भूपेंद्र सिंह ने आरोप लगाते हुए कहा कि नए बस स्टैंड पर उनकी बगैर सहमति के 1 ठेकेदार को उपकृत करने के लिए फिर से बस स्टैण्ड पर रंग रोगन और आकृतियां बनवा दी गईं। 5 लाख रुपए का भुगतान करने के लिए बिल भेजा, नियम विरूद्ध होने से मैंने भुगतान करने से मना कर दिया, क्योंकि वह काम 2 लाख रुपए का भी नहीं था। इसके अलावा चौहान ने सीएमओ पर कई गंभीर आरोप लगाए और अपमानित करने की बात भी कही। 



इनका कहना है



सीएमओ इशांक धाकड़ का कहना है कि जीपीएस सिस्टम लागू नहीं किया गया है। वहीं COO भूपेंद्र सिंह का कहना है कि जीपीएस सिस्टम लागू है। बस संचालकों से पार्किंग शुल्क लिया जाना था इसके लिए कलेक्टर के अनुमति के बाद बस संचालकों से बैठक कर निविदा जारी की जानी थी। जिसके लिए सीओओ भूपेंद्र चौहान ने सीएमओ को कई बार कहा, लेकिन उन्होंने ध्यान नहीं दिया। इसके साथ ही बस स्टैंड पर पांच दुकानों की नीलामी और बस स्टैंड पर निर्मित रेस्टोरेंट की निविदा जारी की जानी थी जो उन्होंने 2 महीने पहले ही सीएमओ को दे दी थी। लेकिन आज तक इन पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। उनका आरोप है कि सीएमओ अपने परिचितों और संबंधियों को लाभ पहुंचाना चाहते हैं। इसलिए मेरे खिलाफ कार्रवाई की। पिछले 6 साल से मेरे खिलाफ कोई भी शिकायत नहीं हैं। अचानक मुझे आरोपित करते ही अचानक अनुबंध समाप्त कर दिया।


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