ग्वालियर. डिलीवरी के दौरान लापरवाही बरतने से महिला की जान पर बन आने और नवजात शिशु की जन्म से पहले ही हुई मौत के मामले में मुरार पुलिस ने रुद्राक्ष अस्पताल के डॉक्टर और नर्स सहित 7 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। आरोपियों में डॉ. अनीता श्रीवास्तव, डॉ. ज्योत्स्ना सिंह राजावत, डॉ. मनप्रीत कौर, डॉ. संजीव शर्मा के अलावा पुष्पलता, प्रभा व मीना के नाम शामिल हैं। विवेचना में यह भी पता लगा है कि कि अस्पताल संचालक डॉ. संजीव मेडिकल छात्र थे और अस्पताल में ड्यूटी डॉक्टर आयुर्वेदिक चिकित्सक थे। अस्पताल में तैनात नर्सिंग स्टाफ भी अपात्र था। अस्पताल संचालक डॉ संजीव अभी नर्सिंग छात्रा के सुसाइड मामले में जेल में बंद है।
ये था पूरा घटनाक्रम
डॉक्टरों की लापरवाही का शिकार हुई प्रसूता के ससुर राकेश शर्मा ने बताया कि डिलीवरी के लिए उनकी पुत्रवधू प्राची पत्नी जीतेंद्र शर्मा को 21 नवंबर को सरकारी जच्चाखाना मुरार भर्ती कराया गया था तो वहां डॉक्टर अनीता ने ऑपरेशन थिएटर में सफाई का काम चलने की बात बनाकर वहां इलाज करने से इनका करने से मना जर दिया और सुझाव दिया कि वे बहू को छह नंबर चौराहे पर स्थित रुद्राक्ष नामक निजी अस्पताल में भर्ती कर दें पीड़ित ने वैसा ही किया और वहां ले जाकर भर्ती करा दिया। इलाज के दौरान वहां आधी रात में गर्भवती महिला को दर्द होने पर अस्पताल वालों ने कॉल किया लेकिन लेडी डॉक्टर वहाँ नहीं पहुंची। हालत बिगड़ने पर वहां मौजूद नर्स ने सामान्य डिलीवरी कराने की कोशिश की जबकि उसे बताया कि महिला का पहला बच्चा सिजेरियन हुआ है और उसके टांके लगे हैं। लेकिन नर्सों ने सामान्य प्रसव की कोशिश की तो महिला के पेट के पहली बच्ची के जन्म के दौरान लगाए गए टांके खुल गए। अधिक खून बह जाने से शिशु की मौत हो गई । इसके बाद डॉक्टर आईं तो उन्होंने महिला को दूसरे निजी अस्पताल में रेफर कर दिया जहाँ एक माह के इलाज और काफी पैसा खर्च करने के बाद बमुश्किल बचाया जा सका था। इसकी शिकायत प्रसूता के ससुर राकेश शर्मा ने सीएमएचओ और जीआरएमसी में भी की थी । इसके बाद जीआरएमसी की जांच रिपोर्ट में भी डॉक्टरों एवं अन्य लोगों की लापरवाही सामने आई थी इस आधार पर मुरार थाने में उन्होंने शिकायत की थी अब मुरार पुलिस ने 7 लोगों पर आपराधिक मामला दर्ज किया है।
मुख्य आरोपी पहले से ही है जेल में
इस पूरे मामले में सीएसपी ऋषिकेश मीणा का कहना है कि शिकायतकर्ता जीतेंद्र शर्मा की रिपोर्ट पर 4 डॉक्टर सहित 7 लोगों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया है। इस मामले में सीएमएचओ की जांच में भी डॉक्टर व स्टाफ की लापरवाही साबित हुई। मुख्य आरोपी अभी नर्सिंग छात्रा के एक सुसाइड मामले में जेल में बंद है जिसे जेल से पीआर पर लिया जाएगा। साथ ही मामले के अन्य आरोपियों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।