राजीव उपाध्याय, Jabalpur. मेडीकल कॉलेज जबलपुर के सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में न्यूरो सर्जरी में फेलोशिप प्रोग्राम शुरू किया गया। इसमें देशभर से न्यूरो सर्जन दूरबीन से न्यूरो सर्जरी सीखने आए हैं। इसके अलावा इटली से डॉ एंजिलो ल्यूकेनो भी कार्यक्रम में आए हैं। यह फेलोशिप प्रोग्राम पांच दिन चलेगा। अंतिम दिन डेड बॉडी पर ऑपरेशन सिखाए जाएंगे। फेलोशिप प्रोग्राम के पहले दिन चार ऑपरेशन हुए। जिसे डॉ वायआर यादव, डॉ विजय परिहार, डॉ, शैलेंद्र और डॉ नारायण स्वामी ने किए।
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— NaiDunia (@Nai_Dunia) May 4, 2022
दिमाग में भरे पानी को निकाला
देवरी से अपने 11 माह के बेटे को उसकी मां अंगूरी लेकर आई। उसने बताया कि उसका बेटा एक माह पहले झूले से गिर गया था। उसके बाद उसे उल्टियां होने लगी। जांच के बाद यहां उसका ऑपरेशन किया गया। न्यूरो सर्जन डॉ विजय परिहार ने बताया कि बच्चे का सीटी स्कैन करने पर दिमाग में पानी भरा पाया गया। इसे निकालने के लिए दिमाग में छोटा छेद किया गया। वहां से दूरबीन डालकर दिमाग में बंद हुए रास्ते को खोलकर पानी को रिलीज किया गया। जबकि पारंपरिक तरीके से ऑपरेशन में दिमाग को खोलकर उसमें नली डालकर उस नली को पेट में खोला जाता था। दिमाग में भरे पानी को पेट में निकाला जाता था। इससे नली बार-बार ब्लॉक होती थी। इससे आधुनिक तकनीक के द्वारा दूरबीन से ऑपरेशन किया जा रहा है। इसमें नली डालने की जरूरत नहीं होती। यह दुनिया की आधुनिक तकनीक है।
नाक से निकाला दिमाग का ट्यूमर
गोसलपुर से आए 47 वर्षीय राजेश तिवारी के दिमाग के पिटिटूयूरी ग्लैंड के ट्यूमर का ऑपरेशन किया गया। सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल के डायरेक्टर डॉ वाय आर यादव का कहना है कि, मरीज की नाक से दूरबीन डालकर ऑपरेट करके ट्यूमर निकाला गया। इसमें किसी तरह का चीरा लगाने की जरूरत नहीं होती। इससे दिमाग के किसी भाग को नुकसान नहीं पहुंचता।
दूरबीन से ऑपरेशन करना आधुनिक तकनीक
इटली से आए डॉ एंजिलो ल्युकेनो का कहना है कि एंडोस्कोपिक या दूरबीन तकनीक से ऑपरेशन करने का तरीका आधुनिक है। वे इसके पहले भी इस फेलोशिप प्रोग्राम में आ चुके हैं।