उत्तर भारत से आई बर्फीली हवाओं ने सिहरन बढ़ गई है। पिछले एक हफ्ते में तापमान में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। राजधानी दिल्ली के साथ-साथ राजस्थान, पंजाब, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा, चंडीगढ़ और जम्मू-कश्मीर में तो अगले कुछ दिन भीषण शीतलहर चलने का अनुमान लगाया गया है।
मध्यप्रदेश भी कांपा
कश्मीर से लेकर राजस्थान तक उत्तर भारत के राज्यों के कई शहरों में तापमान माइनस में पहुंच गया है।मध्य प्रदेश में भी लोग ठंड से थरथरा रहे हैं। भोपाल सोमवार को शिमला से भी ठंडा रहा। यहां रात का तापमान 0.6 डिग्री 3.4 डिग्री पर पहुंच गया। शिमला में पारा 6 डिग्री पर था। जम्मू और भोपाल के तापमान में भी मात्र .4 डिग्री का अंतर है। प्रदेश का 80% इलाका शीतलहर की चपेट में आ गया है। देश के सबसे ठंडे 30 शहरों में मप्र के पांच शहर शामिल है। ठंठ का आलम ये है कि भोपाल में 24 घंटे में हार्टअटैक और पैरालिसिस के 55 मरीज मिले।
शीतलहर: सतना, रीवा, सागर, भोपाल, खंडवा, खरगौन, रतलाम और दतिया में शीतलहर।
तीव्र शीतलहर: उमरिया, खजुराहो, नौगॉव, सिवनी, ग्वालियर में तीव्र शीतलहर का प्रकोप रहा।
अगले 24 घंटे के लिए अलर्ट
- उमरिया, छतरपुर, रायसेन और ग्वालियर जिलों में पाला पड़ने की संभावना है।
- सागर, सिवनी, छतरपुर, उमरिया, सीहोर, रायसेन, राजगढ़, खंडवा, खरगौन, ग्वालियर में कहीं-कहीं शीतलहर का प्रकोप रहेगा।
दिल्ली में तापमान में लगातार गिरावट
मौसम विभाग ने इन राज्यों के लिए अलर्ट भी जारी किया था। आईएमडी की यह भविष्यवाणी काफी हद तक सही होती दिखाई दे रही है, क्योंकि पूरे उत्तर भारत में पिछले तीन दिन से न्यूनतम तापमान लगातार नीचे जा रहा है। सोमवार सुबह दिल्ली ने सीजन की अपनी सबसे ठंडी सुबह देखी, जब न्यूनतम तापमान 3.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया।
ये है उत्तर भारत में अचानक ठंड बढ़ने का कारण
विशेषज्ञों की मानें तो भारत में इस साल भीषण ठंड के पीछे एक वजह 'ला नीना' का प्रभाव है। अमेरिकन जियोसाइंस इंस्टिट्यूट के मुताबिक, अल नीनो और ला नीना शब्द का संदर्भ प्रशांत महासागर की समुद्री सतह के तापमान में समय-समय पर होने वाले बदलावों से है। इसका प्रभाव दुनिया भर में मौसम पर पड़ता है। सीधे शब्दों में समझा जाए, तो अल नीनो की वजह से तापमान गर्म होता है और ला नीना के कारण ठंडा। दोनों आमतौर पर 9-12 महीने तक रहते हैं। वैज्ञानिकों के मुताबिक, इस बार ला नीना की वजह से भयानक ठंड की स्थिति दिसंबर से लेकर फरवरी तक चलेगी।
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