एयरफोर्स के बेस सेंटर पर उतरेगा विशेष विमान
ग्वालियर में वायुसेना का सबसे बड़ा बसे सेण्टर है। यह न केवल सुरक्षित अपितु अत्याधुनिक सुविधाओं और तकनीक से लैस भी है। शुरुआती दौर में भी नामीबिया से चीतों वाला विशेष विमान यहीं लाने की योजना थी लेकिन कतिपय प्रक्रियागत दिक्कतों के कारण इसका क्लीयरेंस नहीं हो पा रहा था इसलिए फिर नया शेड्यूल बनाकर यह विमान जयपुर विमानतल पर उतारने का निर्णय किया गया। तय हुआ कि उन्हें वहां से चॉपर के जरिये कूनो ले जाया जाए। लेकिन कई दौर की उच्चस्तरीय बैठकों के बाद और प्राथमिक रिहर्शल के बाद देखा गया कि यहाँ से पूरी शिफ्टिंग का टाइम मैनेजमेंट गड़बड़ा रहा है।
विशेषज्ञ चाहते थे कि चीतों के कैब्स पीएम नरेंद्र मोदी के कूनो पहुँचने से काफी देर पहले वहां पहुँच जाए ताकि चीते नयी आबोहवा में कुछ देर रुक कर सहज हो जाएं। जयपुर से पहुँचने में काफी समय लग रहा था क्योंकि चीतों को वहां से शिफ्ट करने के लिए एयरफोर्स के हेलीकॉप्टर भी शिफ्ट करना पड़ते जबकि ग्वालियर में एयरबेस पर यह पहले ही मौजूद रहते हैं। ग्वालियर से कूनो की हवाई दूरी भी काफी काम है और यह इलाका उनके अभ्यास एरिया का हिस्सा भी है सो पायलट को यहाँ आने -जाने की पूर्व आदत भी है।
चीतों को लाने के लिए विशेष पेंटिंग कर तैयार की गयी कार्गो फ्लाइट नाम्बिया की राजधानी विंडहोक पहुँच चुकी है और अब इससे आठ चीते ग्वालियर पहुंचेंगे। प्रोजेक्ट चीता के मुखिया एसपी यादव ने इसकी पुष्टि कर दी है। उनका कहना है कि भारत लाने से पहले इन चीतों को रिहर्सल भी कराई जा चुकी है। अब नामीबिया से ये चीते जयपुर के बजाए सीधे ग्वालियर में लैंडिंग करेंगे। इन चीतों में पांच मादा और 3 नर चीते शामिल हैं. अफ्रीका से लाए जा रहे चीतों की उम्र करीब 4 से 6 साल तक बताई जा रही है। हालांकि पहले ये तय हुआ था कि चंबल के नजदीक होने की वजह से जयपुर में विमान की लैंडिंग कराई जाए और फिर वहां से हेलिकॉप्टर से इन चीतों को ग्वालियर लाया जाएगा। लेकिन अब तय हुआ है कि मेहमान चीते सीधे ग्वालियर आएंगे। इस बदलाव की वजह से चीतों को कार्गो से हेलिकॉप्टर में शिफ्ट करने में लगने वाला करीब पचास मिनिट का समय भी बच जाएगा.इस बचे हुए समय के कारण चीतों को पीएम के पहुंचने से पहले का काफी समय वहां के माहौल में ढलने के लिए मिल जाएगा।
ग्वालियर में तैयारी पूरी
हालांकि ग्वालियर एयरबेस सेंटर में पहले से है सारी तैयारियां चल रहीं थी क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जा विमान भी यहीं उतरेगा और ट्रांजिट विजिट के बाद वायुसेना के विशेष हेलीकॉप्टर कारकेड से वे कूनो पहुंचेंगे। लेकिन चीतों की ट्रांजिट विजिट के लिए भी यहाँ पूरी तैयारियां कर ली गयी है। रिहर्सल करके टाइम चार्ट भी तैयार कर लिया गया है। सूत्रों का दावा है कि यहां से शिफ्टिंग की प्रक्रिया बमुश्किल दस मिनिट का समय लगेगा। इस दौरान सीमित लोगों को इस ट्रांजिट स्पॉट तक जाने की इज़ाज़त मिलेगी। 11 बजे पहुंचेंगे मोदी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 17 सितंबर को सुबह 11 बजे वायुसेना के हेलिकॉप्टर से सीधे कूनो पहुंचेंगे और 11. 05 बजे चीतों को पिंजरों से रिलीज करेंगे। इसके बाद वे यहीं चीता मित्रों से संवाद करेंगे और फिर चॉपर से करहल पहुंचकर 11. 30 बजे वे यहां आयोजित स्वसहायता समूहों की सखियों के सम्मेलन को संबोधित करेंगे। इस मौके पर केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र तोमर, सिविल एविएशन मिनिस्टर ज्योतिरादित्य सिंधिया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी मौजूद रहेंगे।