Jabalpur. मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने किसानों को बीते 4 साल से गेहूं खरीदी के पैसों का भुगतान न किए जाने के मामले में राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। इतना ही नहीं बेहद सख्त रुख अपनाते हुए अदालत ने 25 हजार रुपए का जुर्माना भरने की शर्त पर सरकार को जवाब देने के लिए मोहलत दी है।
दोषी अधिकारी से वसूला जाए जुर्माना
जस्टिस विवेक अग्रवाल की सिंगल बेंच ने अपनी तल्ख टिप्पणी में कहा कि सरकार एक तरफ तो खुद को किसान हितैषी बताती है, दूसरी तरफ किसानों से जुड़े मुद्दे पर पिछले तीन साल से जवाब तक पेश नहीं कर पाई है। दरअसल साल 2018 में खरीदे गए गेहूं का किसानों को अब तक भुगतान नहीं करना सरकार के दोहरे चरित्र को दर्शाता है। लिहाजा सरकार पर 25 हजार रुपए का जुर्माना लगाया जाता है। यह राशि जवाब पेश नहीं करने के दोषी अधिकारी से 10 दिन के भीतर वसूल कर हाईकोर्ट विधिक सेवा समिति में जमा कराने के निर्देश भी अदालत ने दिए हैं।
अब गफलत नहीं होगी बर्दाश्त
अदालत ने जुर्माना राशि जमा कराने की शर्त पर ही सरकार को जवाब पेश करने 10 दिन की मोहलत दी। कोर्ट ने ऐसा न होने पर अगली सुनवाई के दौरान एसडीओ बरही/विजयराघवगढ़ और प्राथमिक कृषि साख समिति खितौली बरही के सचिव को हाजिर रहने के निर्देश भी दिए हैं। मामले में अगली सुनवाई 23 अगस्त को निर्धारित की गई है।
कटनी जिले के प्रमोद चतुर्वेदी समेत 8 किसानों ने वर्ष 2019 में यह याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सुरेंद्र कुमार मिश्रा ने पक्ष रखा। दलील दी गई कि किसानों ने साल 2018 में अप्रैल-मई माह में गेहूं बेचा था। जब पैसे का भुगतान नहीं हुआ तो किसानों ने अगले साल याचिका दायर कर दी।