पर्चो ने खोली पोल तो पांचवी मंजिल पर उड़ने लगे तोते और ठाकुर साहब को सड़क में दिख रही कम बैक की चमक

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The Sootr CG
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पर्चो ने खोली पोल तो पांचवी मंजिल पर उड़ने लगे तोते और ठाकुर साहब को सड़क में दिख रही कम बैक की चमक

हरीश दिवेकर। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा समरकंद में आतंकवाद को लेकर दिए गए संदेश आज का युग युद्ध का युग नहीं, की आवाज व्हाइट हाउस तक गूंजी है। व्हाइट हाउस ने पीएम मोदी के संदेश को लेकर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को निशाने पर ले लिया है। दूसरी तरफ कांग्रेस नेता राहुल गांधी की यात्रा का विराम भी विपक्षियों को परेशान किए हुए है। कांग्रेस के नए अध्यक्ष की तलाश में तेजी आते ही राजस्थान में सत्ता डोलने लगी है तो मध्यप्रदेश में भी पार्टी अध्यक्ष के दावेदार खोजे जाने लगे हैं। संघ और संगठन की नागपुर से दिल्ली तक सक्रियता बढ़ते ही प्रदेश बीजेपी में भी अटकलें बढ़ गई हैं। अगले माह प्रदेश संगठन में उठापटक के कयासों के बीच मंत्रालय से लेकर जिलों तक बैठे अफसरों ने भी दांव-पेंच दिखाना शुरू कर दिया हैं, कोई आस्था बदल रहा है तो कोई पाला। मध्यप्रदेश के दो पॉवरफुल आईएएस का पर्चा भी चर्चा में है।  ऐसी ही रोचक खबरों से भरा है आपका बोल हरि बोल...। हम बताएंगे आपको हर खबर से जुड़ी अंदर की बात।



हाय पर्चा, हाय-हाय ये पर्चा



दिलजले भी न कसम से... न तो खुद चैन से रहते हैं और न दूसरों को चैन से रहने देते हैं। अब देखिए ना मंत्रालय की चौथी और पांचवीं मंजिल पर बैठने वाले बड़े साहब ने लोगों की मूर्ति खंडित करने के लिए पर्चे बंटवा दिए। अंग्रेजी वाले पर्चे में तो ऐसी-ऐसी बातें लिखी है कि पढ़कर लगता है कि इन साहब लोगों का पूरा लेखा-जोखा दिलजलों ने बड़े शिददत से तैयार किया है। अब इनके समर्थक चाहकर भी नहीं कह सकते कि ये दाग अच्छे हैं। बस वो हाय पर्चा, हाय-हाय ये पर्चा कहते फिर रहे हैं। पर्चे में बड़े साहब के करीबी ठेकेदार पंडितजी और उनकी पत्नी का नाम, मोबाइल कंपनी के बड़े पदाधिकारी अरे खान साहब, सोमरस वाले पंजाबी साहब और कई कॉलेजों के मालिक और रियल एस्टेट का काम देखने वाले गुप्ताजी के नाम लिखे हैं। वहीं पांचवीं मंजिल वाले साहब की मुंबई कंपनी में पार्टनरशिप का खुलासा भी किया गया है। बड़े साहब के करीबी लोग इस बात से परेशान हैं कि साहब के रिटायर होने के बाद कहीं दिलजले का ये पत्र इनकी कुंडली न खुलवा दें..।



सड़कों के जाल से मिलेगी संजीवनी



ग्वालियर.चंबल की राजनीति में कमजोर हो रहे नरेन्द्र सिंह तोमर एक बार फिर नई उर्जा के साथ में सक्रिय होने की तैयारी में है। तोमर ने ग्वालियर-मुरैना में सड़कों का जाल बिछाने की योजना मंजूर करवाकर अपनी जोरदार वापसी की है। इन सड़कों से ग्वालियर-मुरैना की तस्वीर बदल जाएगी। इसका पूरा श्रेय तोमर लेना चाहते हैं। समर्थकों ने अभी से इसकी ब्रांडिंग करना शुरु कर दी है। उनका कहना है कि तोमर जी के आग्रह पर ही नितिन गडकरी ने ये सौगात दी है। हालांकि सिंधिया समर्थक चुप बैठने वाले नहीं है वो इस सौगात का श्रेय महाराज को देने में लगे हैं। बीजेपी में महाराज की एंट्री और ग्वालियर व मुरैना महापौर हारने के बाद तोमर का राजनीतिक कद तेजी से कम हुआ था। तोमर अब कम बैक करना चाहते हैं।



वो 17 कौन थे?



कांग्रेस के दिग्गज नेता अब तक ये पता नहीं लगा पाए हैं कि वो 17 विधायक कौन थे, जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव में क्रॉस वोटिंग की थी। कांग्रेसी नेता भले ही ये कहें कि उन्हें पता है कि वो 17 कौन थे। जबकि हकीकत में अभी भी उनकी तलाश जारी है। दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ 2023 के चुनाव को करो या मरो फार्मूले पर लड़ना चाहते हैं। उनकी सबसे बड़ी चिंता उन भगोड़े विधायक और नेताओं की है जो ऐन वक्त पर कहीं खेल न बिगाड़ दें। एक बार चोट खा चुके हैं, इसलिए वो अब कोल्ड ड्रिंक भी फूंक फूंक कर पी रहे हैं। जाने वालों के लिए उन्होंने खुद ही दरवाजा खोल दिया है, ताकि भरोसेमंद लोगों के साथ मैदान में कूदा जा सके।



दामादजी को चाहिए ग्वालियर की कप्तानी



टाईटल पढ़कर आप कंफ्यूज मत होइए, प्रदेश में अकेले सीएम के दामाद ही आईपीएस नहीं है। दूसरे भी हैं, जिनकी सास पूर्व महापौर और ससुर पूर्व राज्यसभा सांसद हैं। मजे की बात ये है कि इन साहब को पहली कप्तानी कमलनाथ सरकार में मिली थी। दामाद जी भले ही आईपीएस हों, लेकिन राजनीति के दांव-पेंच से वे बखूबी वाकिफ हैं। कमलनाथ सरकार जाते ही एसपी साहब ने महाराज से नजदीकी बढ़ा ली। दामाद को पूरा भरोसा है कि महाराज की सिफारिश से ग्वालियर की कप्तानी मिल ही जाएगी। आपकी सुविधा के लिए बता दें कि साहब महाराज के प्रभाव वाले जिले में कप्तान हैं।



धुआं उठा तो आग की जांच बैठाई



नर्मदापुरम संभाग के एक जिले की खाकी खासी चर्चा में हैं। इस छोटे से जिले में खाकी के करोड़ों का खेल राजधानी तक पहुंच गया। मंत्री जी ने इस मामले में करोड़ों के लेन-देन का धुआं उठता देखा तो खुद ही जिले में पहुंच गए। खाकी अफसरों ने मंत्री को टहलाने का प्रयास किया, लेकिन मंत्री बोले, बिना आग के धुआं नहीं उठता। मंत्री ने इस मामले में जांच बैठा दी। अब देखते हैं कि इस जांच की आंच में कोई झुलसता है या फिर इस लेन-देन के हिस्से का कोई नया धुआं उठेगा। जिले का नाम भी साबित करता है कि वहां कोई भी बात बे-बात.तूल नहीं पकड़ती।



मंत्री कोई भी हो ठाकुर का जलवा बरकरार



किसानों से ताल्लुक रखने वाले विभाग में ठाकुर साहब का जलवा है। कोई भी मंत्री बिना ठाकुर साहब के एक कदम नहीं चलता। मजेदार बात ये है कि ठाकुर साहब को रिटायर हुए एक माह से ज्यादा हो गया, लेकिन वो आज भी मंत्रालय की हर बैठक में मंत्री के साथ बाकायदा अफसर की तरह शामिल होते हैं। मंत्री की शह को देखते हुए सीनियर अफसर भी कुछ नहीं बोल पाते। अब तबादला सीजन में प्रदेश भर से लोग मंत्री से पहले ठाकुर साहब से मुलाकात कर रहे हैं। मजे की बात ये है कि कांग्रेस सरकार में भी ठाकुर का जलवा ऐसे ही बरकरार था जैसे 2018 से पहले था और अब है। यानि मौसम कैसा भी हो ठाकुर साहब सदाबहार बने रहते हैं। घोटाले के आरोप लगे। जांच भी हुई, मजाल है कि ठाकुर साहब पर आंच भी आई हो। आपकी सुविधा के लिए बता दें, ये महकमा किसानों को समय-समय पर कर्ज देता रहता है।



अफसरों के बुरे दिन



मैदानी अफसरों के गृह-नक्षत्र बिगड़े हुए हैं, जो देखो बजा रहा है। सीएम जनसेवा अभियान की सभाओं में फटकार से लेकर निलंबन हो रहा है तो वहीं जनता से लेकर नेता अफसरों के साथ हाथापाई करने से बाज नहीं आ रहे। ग्वालियर में एक आईपीएस पर मेडिकल स्टूडेंट ने हमला बोला तो कलेक्टर पर सिंधिया समर्थक ने सीधे हाथ ही डाल दिया। झाबुआ में एसपी के बोल बिगड़े तो घर बैठा दिया। मैदानी अधिकारी अब बोलने लगे कि अब आईएएस-आईपीएस एसोसिएशन के कर्ता.धर्ताओं को जी हुुजूरी से फुर्सत मिले तो हमारी चिंता करें। जब तक वो स्ट्रांग नहीं होंगे तब तक हम ऐसे ही ठुकते-पिटते रहेंगे। 


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