SHIVPURI मनोज भार्गव. वर्षों पहले एक फिल्म आयी थी हाथी मेरे साथी। इसमें हाथी अपने हैंडलर का सारा काम निपटाने में साथ देता था। शिवपुरी में हकीकत में हाथी उस दृश्य को जीवंत करते दिखा । अमृतसर से नांदेड़ जा रहे सिख तीर्थयात्रियों के जत्थे के एक ट्रक के पहिये जब बरसात के कीचड में फंस गए और वह आगे नहीं बढ़ पाया तो हाथी ने लोगों के साथ खुद भी धक्का लगाया। यह जत्था कोलारस के भटौआ गांव में सिख समाज के सेवादार के यहां रुका हुआ था।
बारिश के चलते कीचड़ में फंस गए थे ट्रक
जत्थे में शामिल गुरुदेव सिंह ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र होने के कारण उनके जत्थे में शामिल ट्रकों को कच्चे रास्ते पर खड़ा करना पड़ा था। एकाएक हुई तेज बारिश के चलते मिट्टी कीचड़ में तब्दील हो गई ,जिससे कई ट्रक मिट्टी में फंस गए थे। उन्हें निकालने के लिए जत्थे में शामिल सिख समाज के लोग प्रयास कर रहे थे।जत्थे में शामिल हाथी ने भी सहयोग किया और मिट्टी में फंसे 3 ट्रकों को उसने अपनी बलशाली सिर से धक्का देकर बाहर निकलवा दिया।हाथी स्याना है, ऐसा करने में उसे आता है मजा ।हाथी अमृतसर से ही साथआया है, जो महाराष्ट्र के नांदेड़ में होने वाले दशहरा के पर्व पर आयोजित मेले में शामिल होगा । जत्थे में सात घोड़े भी हैं।
नजारा देखने इकट्ठी हुई भीड़
हाथी द्वार ट्रक में धक्का देने की खबर जैसे ही आसपास के गाँव में फैली तो इस नज़ारे को देखने के लिए वहां भीड़ उमड़ पडी। लोगों ने बाद में हाथी को तमाम फल आदि लेजाकर भी खिलाये जबकि सिख सांगत ने हाथ फेकर उसका आभार जताया।