2000 से 2005 के बीच इंदौर में हुई वृद्धा पेंशन घोटाले की जांच रिपोर्ट अभी भी फाइलों में बंद है। मामले में इंदौर के तत्कालीन महापौर कैलाश विजयवर्गीय को अभी भी क्लीनचिट नहीं मिली है। जांच रिपोर्ट पूरी होने के बाद उसे विधानसभा के पटल पर खा जाना है। सूत्रों का कहना है जो जांच हुई है उसमें कैलाश विजयवर्गीय को क्लीनचिट मिल जाएगी, पर पिछले 10 सालों से वह रिपोर्ट विधानसभा के पटल तक नहीं पहुंच पा रही है। आखिर कौन है जो इसे रोक रहा है।