Jabalpur. जबलपुर में बीजेपी अपने संगठन में आमूलचूल बदलाव करने की फिराक में है। ऐसा बीजेपी से जुड़े सूत्र बता रहे हैं, लेकिन इस कवायद पर बीजेपी के ही कुछ संगठन विशेषज्ञ एक प्रश्नचिन्ह भी लगा रहे हैं कि शायद विधानसभा चुनाव तक बीजेपी संगठन में कोई फेरबदल न करे। बीजेपी नगर अध्यक्ष जीएस ठाकुर को पद पर रहते 7 साल हो चुके हैं। उनके नगर अध्यक्ष रहते हुए भाजपा दो लोकसभा चुनाव जीत चुकी है तो उसे विधानसभा चुनाव और नगर निगम चुनाव में हार का मुंह भी देखना पड़ा है।
पूर्व विधायकों की ओर से बनाया जा रहा दबाव
सूत्र यह कह रहे हैं कि बीजेपी नगर अध्यक्ष को हटाने का दबाव उन पूर्व विधायकों की ओर से बनाया जा रहा है जो अपनी विधानसभा सीट नहीं बचा पाए। संगठन में फेरबदल को नकारने वाले सूत्र यही दावा कर रहे हैं कि उन पूर्व विधायकों के दिन अब चुक चुके हैं। हारे हुए 3 विधायकों में से 2 को दोबारा टिकट मिलने का कोई चांस ही नहीं है ऐसे में उनका दबाव आलाकमान पर बेअसर साबित हो रहा है। हां विधानसभा चुनाव और नगर निगम चुनाव में मिली हार का ठीकरा जरूर नगर अध्यक्ष पर फोड़े जाने की कोशिश हो चुकी है, जिस पर आलाकमान जरूर मंथन कर सकता है। लेकिन पार्टी का लक्ष्य केवल और केवल विधानसभा चुनाव है ऐसे में फेरबदल का जोखिम उठाने से पार्टी बच भी सकती है।
ओबीसी नगर अध्यक्ष का छेड़ा गया शिगूफा
चर्चा यह है कि पार्टी ओबीसी वर्ग को रिझाने के लिए नगर भाजपा की कमान किसी ओबीसी नेता को दे सकती है। हां शर्त यही है कि जो विधानसभा चुनाव में दावेदारी न कर रहे हों ऐसे ही कार्यकर्ता को नगर अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी जाएगी। बीजेपी ग्रास रूट लेवल पार्टी है उसके पास ऐसे नेताओं की कमी नहीं है।
अगले माह तक हो सकता है फेरबदल
वहीं दूसरे पक्ष की मानें तो दीपावली बाद नगर संगठन में बदलाव का ऐलान किया जा सकता है। ताकि नए नगर अध्यक्ष को संगठन में कसावट लाने और नई कार्यकारिणी बनाने में करीब-करीब 1 साल का समय मिल जाएगा। वैसे बीजेपी कुछ सालों से चौंकाने वाले मोड पर रहती है इसलिए बीजेपी के बारे में कोई कयास लगाना अक्सर व्यर्थ ही होता है। इसलिए नगर बीजेपी के बदलाव की बयार कब तक बहती रहेगी कहा नहीं जा सकता।