Bhopal.अरुण तिवारी. 23 अप्रैल को भोपाल में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक बड़ा बयान दिया। अमित शाह ने सीएपीटी के कार्यक्रम में पुलिस अफसरों के सामने कहा कि पुलिस या तो नो एक्शन में रहती है या एक्सट्रीम एक्शन में जबकि उसे जस्ट एक्शन की आदत बनानी चाहिए। आखिर अमित शाह ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर ये टिप्पणी क्यों की। द सूत्र ने इसकी पड़ताल की तो सच सामने आ गया। सरकार लाख दावे करे लेकिन मध्यप्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली कुछ इसी तरह की नजर आती है। सीएम हेल्पलाइन में पिछले चार महीने में पुलिस के खिलाफ 60 हजार से ज्यादा शिकायतें आई हैं। इनमें से 50 हजार तो इसी बात को लेकर हैं कि पुलिस एफआईआर दर्ज नहीं करती, आरोपियों को नहीं पकड़ती या समझौते का दबाव बनाती है। यानी साफ है कि लोग पुलिस की नो एक्शन वाली छवि से परेशान हैं।
ये है पुलिस के खिलाफ शिकायतों की स्थिति :
1 जनवरी 2022 से लेकर 23 अप्रैल 2022 तक चार महीनों में पुलिस के खिलाफ 61460 शिकायतें सीएम हेल्पलाइन में की जा चुकी हैं। यानी हर महीने 15 हजार से ज्यादा शिकायतें की जा रही हैं। पुलिस मुख्यालय का दावा है कि इनमें 85 फीसदी शिकायतों का निराकरण किया जा चुका है। यदि ये मान लिया जाए तो भी दस हजार से ज्यादा शिकायतें ऐसी हैं जिनको पुलिस संतुष्ट नहीं कर पाई है। बड़ा सवाल ये भी है कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर पुलिस के खिलाफ शिकायतें क्यों आ रही हैं। जाहिर है पुलिस की नो एक्शन वाली कार्यप्रणाली से लोग खुश नहीं हैं।
शिकायतों में टॉप टेन जिले
इंदौर — 6676
ग्वालियर — 3590
भोपाल — 3529
रीवा — 3087
शिवपुरी — 2668
सतना — 2275
छतरपुर — 2179
जबलपुर — 2159
सागर — 2021
मुरैना — 1925
इन शिकायतों की भरमार
- एफआईआर न लिखना, देरी से लिखना, सही धाराओं में न लिखना — 27092
पुलिस के खिलाफ इस तरह की शिकायतें
- जय दुष्यंत ने बताया कि उनके साथ पांच हजार रुपए का सायबर फ्रॉड हुआ है लेकिन पुलिस कोई कार्यवाही नहीं की।