GWALIOR. मध्य प्रदेश में अच्छी वर्षा ने मध्य प्रदेश के ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर को बड़ी राहत दी है जो बिजली की खपत बढ़ने और उत्पादन घटने का कारण हो रही अन्धधुन्ध बिजली कटौती के कारण जन आलोचनाएं झेलने को मजबूर थ। बरसात से बिजली कंपनी को भी राहत दी है। बांध लबालब हुए तो बिजली बनाने की रफ्तार भी बढ़ गई है। ऐसे में क्षमता के अनुरूप करीब दो हजार मेगावाट के आसपास बिजली पैदा की जा रही है। पिछले साल से ज्यादा पानी बांधों में जमा हो चुका है, जिस वजह से बांध का पानी छोड़ा जा रहा है। वर्तमान में प्रदेश में बिजली की मांग 8500 मेगावाट के आसपास बनी हुई है, जिसमें करीब दो हजार मेगावाट बिजली की आपूर्ति हाइडल पावर प्लांट से हो रही है। इससे कोयला आधारित ताप गृहों पर बिजली पैदा करने का बोझ भी कम हो गया है।
ऊर्जा मंत्री प्रघुम्न सिंह तोमर ने कहा है कि इस पानी ने बहुत राहत दी है। चाहे किसान हो या फिर बिजली विभाग सभी खुश है क्योंकि बांधों में पानी होने से बिजली ज्यादा बन रही है तथा कोयले से निर्भारत खत्म हो रही है।
आपको बता दें कि मध्य प्रदेश पावर जनरेशन कंपनी के कोयला आधारित तापगृह में 5400 मेगावाट बिजली पैदा करने की कुल क्षमता है। इसमें अभी 3051 मेगावाट बिजली पैदा हो रही है। बीते 23 जुलाई की रात 9 बजे 1962 मेगावाट बिजली पैदा की जा रही थी। बिजली उत्पादन का आंकड़ा इन दिनों इसके आसपास ही है।