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Indore. नगर निगम चुनाव में वार्ड 53 में देवरानी-जैठानी के बीच रोचक मुकाबला बन गया है। जैठानी ने देवर-देवरानी की करीब तीस साल पुरानी सत्ता को चुनौती दे दी है। यहां बीजेपी ने दस्तावेजों में तो अर्जुन मेहरा को टिकट दिया है लेकिन 'जैठानी' की उम्मीदवारी पर भी फिलहाल मौन साध रखा है।
बीजेपी को भी पता है वार्ड 53 में मुस्लिम वोटों का दबदबा है इसलिए गैर मुस्लिम उम्मीदवार की संभावना कम ही रहती हैं । कालांतर में पार्टी यह सब देख चुकी है इसलिए इस बार पार्टी ने यहां ऐसे गैर-कमल वाले उम्मीदवार के मामले में चुप्पी साध ली है जो भाजपाई भी है और मुस्लिम भी। नाम है शबनम । ये भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के नगर अध्यक्ष शेख असलम की पत्नी हैं। इनका मुकाबला अपनी देवरानी कांग्रेस की फौजिया शेख से है जो तीसरी बार चुनाव लड़ रही हैं। इनके पति शेख अलीम भी पार्षद रह चुके हैं और शेख असलम के छोटे भाई हैं।
कमल पर वोट नहीं मिलते
भाजपा ने इस बार किसी मुस्लिम को ऑन रेकॉर्ड टिकट नहीं दिया, जबकि इंदौर विधानसभा क्रमांक एक, तीन, चार और पांच में कई वार्ड मुस्लिमबाहुल हैं। पार्टी का मानना है कि मुस्लिम इलाकों में कमल पर वोट कम ही पड़ते हैं इसलिए मुस्लिम इलाकों में भी गैर मुस्लिम उम्मीदवार दे दिए हैं ताकि पार्टी का परंपरागत वोट मिल जाए। एक बार ऐसा भी हो चुका है कि पार्टी की तरफ से एक मुस्लिम उम्मीदवार पार्षद बन गया था लेकिन जब विधानसभा चुनाव हुए तो इन्हीं मुस्लिम भाजपाई पार्षद के परिवार के पूरे वोट भाजपा उम्मीदवार को नहीं मिले थे। तब यह मुद्दा बहुत गर्म हुआ था पार्टी से टिकट लेकर पार्षद बन गए लेकिन विधायक को वोट नहीं दिलवाए।