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हिंदी सिनेमा के उभरते सितारे और युवा दिलों की धड़कन कार्तिक आर्यन की आज ग्वालियर में बेसब्री से प्रतीक्षा हो रही है। लोग सिटी सेंटर स्थित बूथ पर आज बेसब्री से इंतज़ार में है कि हो सकता है कि आर्यन अपना वोट डालने पहुंचें। ग्वालियर के सिटी सेण्टर स्थित बूथ पर उनका वोट है।
आज है नगर निगम चुनाव
ग्वालियर में आज नगर निगम चुनावों के लिए मतदान हो रहा है। इसमें लोग अपने मताधिकार का उपयोग कर रहे हैं। सात साल बाद हो रहे चुनावों को लेकर खासा उत्साह है। लेकिन ग्वालियर के सिटी सेण्टर स्थित एक बूथ पर लोगों को अपना वोट डालने से ज्यादा इस बात का पता करने में ज्यादा रूचि है कि फिल्म स्टार कार्तिक आर्यन वोट डालने आ रहे है या नहीं ? वे आएंगे तो आखिर कितने बजे आएंगे ताकि उन्हें रूबरू देख सकें।
ग्वालियर के वोटर है कार्तिक
दरअसल कार्तिक भले ही मुंबई में रहते हों लेकिन वे आज भी वोटर ग्वालियर के ही हैं। नगर निगम चुनावों के लिए निर्वाचन आयोग ने जो वोटर लिस्ट जारी की उसमें अभी भी उनका नाम है और उनकी वोटर पर्ची भी जारी हुई है। इसके अनुसार कार्तिक तिवारी पुत्र मुनीश तिवारी उम्र 33 वर्ष मकान क्रमांक ई 94 कोबूथ क्रमांक 813 पर वोट डालना है और इनका वोटर आईडी नंबर IJG631845 है।
यही की पैदाईश हैं कार्तिक
दरअसल कार्तिक आर्यन का जन्म ग्वालियर में ही हुआ। उनके पिता मुनीश तिवारी सिटी सेण्टर इलाके में ही निवास करते थे और उनके माता और पिता दोनों पेशे से डॉक्टर हैं। उनके पिता मुनीश तिवारी बाल रोग विशेषज्ञ है तो माता जी माला तिवारी स्त्री रोग विशेषज्ञ। सिटी सेंटर में ग्रीन गार्डन के पास उनका नर्सिंग होम भी था 22 नवंबर 1990 को ग्वालियर में जन्मे कार्तिक आर्यन का पूरा नाम कार्तिक आर्यन तिवारी है। उनकी प्राथमिक शिक्षा भी ग्वालियर में ही हुई लेकिन मुंबई से उनका नाता तब जुड़ा जब इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के लिए उन्होंने नवीं मुंबई के प्रख्यात डी वाय पाटिल कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में दाखिला लिया। उन्होंने वहां जाकर जैव टेक्नोलॉजी में इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और डिग्री हासिल की। यहीं उनके मन में अपने बचपन के सपने को पूरा करने की उम्मीद जागी क्योंकि वे बचपन से ही फिल्मों में काम कर एक कलाकार के रूप में अपना कैरिया बनाना चाहते थे। वे कहते हैं कि उन्हें एक्टिंग का इतना क्रेज था कि वे कॉलेज में अपनी कक्षाएं छोड़कर ऑडिशन देने जाते थे । पढ़ाई के दौरान ही उन्होंने मॉडलिंग करना शुरू कर दी । उन्होंने सैकड़ों ऑडिशन दिये परन्तु सफलता हाथ नहीं लगी। तीन साल तक लगातार असफल रहने के बाद उन्होंने एक इंस्टीट्यूट से एक्टिंग का कोर्स भी किया। ख़ास बात ये कि अपनी इस इच्छा और संघर्ष के बारे में कोई जानकारी तब तक अपने मम्मी-पापा को कभी शेयर नहीं की। उन्हें अपने इस नए कैरियर के बारे में तभी बताया जब उन्होंने अपनी पहली फिल्म साइन की।
जब आर्यन इंजीनियरिंग में थर्ड ईयर के छात्र थे तब यानी 2011 में उन्होंने सबसे पहले लव रंजन की फिल्म प्यार का पंचनामा साइन की इसमें उन्होंने नुस रत भरूचा के साथ काम किया। इसके हिट होते ही और इसमें कार्तिक के काम ने सभी का ध्यान उनकी तरफ खींचा। उनका प्रोडूसर गिल्ड अवॉर्ड के लिए नमानकन भी मिला। हालाँकि आर्यन पढ़ाई छोड़कर सिर्फ एक्टिंग करना चाहते थे लेकिन उनकी माँ पढ़ाई करवाना चाहती थी। माँ की जिद का आदर करते हुए उन्होंने अपनी इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और हर जॉनर की एक से बढाकर एक सफल फिल्में दीं और वे बॉलीबुड के एक चाहते सितारे बन गए।
मम्मी- पापा को भी मुंबई बुलाया
स्थापित होने के बाद ज़िद करने की बारी कार्तिक की थी। उनके मम्मी -पापा का सिटी सेण्टर ग्वालियर में बड़ा और प्रतिष्ठित नर्सिंग होम था जिससे आमदनी भी बहुत थी लेकिन कार्तिक ने जिद की कि वे अब ग्वालियर में अपना कारोबार बाइंड अप करके मुंबई में उनके साथ रहे। शुरुआत में उन्होंने न - नुकुर की लेकिन कार्तिक जिद पर अड़े रहे और आखिरकार वे लोग अपना नर्सिग होम बंद कर मुंबई चले गए। हालाँकि वे लोग कुछ वर्षों से मुंबई में निवास करते हैं लेकिन कार्तिक सहित उनके पूरे परिवार के वोट अभी भी ग्वालियर में ही हैं। हो सकता है कार्तिक या उनके परिवार को अब इस बात पता ही न हो लेकिन नगर निगम के लिए जारी वोटर लिस्ट में कार्तिक का नाम देखकर युवा खासे उत्साहित हो गए और उन्हें लगा कि वे वोट डालने आ सकते हैं। लेकिन सिकी संभावना नगण्य है।