भोपाल. राजधानी पहुंची राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सैयद शहजादी का बड़ा बयान सामने आया है। शहजादी ने महिलाओं के पूजा पाठ करने और महिलाओं को इमाम बनाने की वकालत की है। उनका कहना है कि, महिलाओं को नमाज़ पढ़ाना चाहिए। और मंदिर में भी महिलाएं पुजारी होना चाहिए। केवल पुरुष ही क्यों पूजा कराएं? महिलाओं और पुरुष की नॉलेज बराबर है। समाज की सोच को बदलना होगा, जिसे समाज को स्वीकार करना होगा।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग महिलाओं की स्थिति संबंधी रिपोर्ट शासन को भेजेगा
चर्चा के दौरान राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सैयद शहजादी ने महिलाओं से संवाद किया और समस्याओं का निरकरण करने की बात कही। इश दौरान उन्होंने कहा कि महिलाओं द्वारा मिले सुझाव और परेशानियों को दूर करने के लिए कुछ सुझाव केंद्र और कुछ राज्य सरकार को भेजेंगे। खास तौर से अल्पसंख्यक महिलाओं के लिए स्किल डेवलपमेन्ट सेंटर्स खोले जाएं। जिससे उनका आर्थिक विकास हो सके। वहीं इस समाज में 8वीं के बाद महिलाओं की पढ़ाई नहीं कराई जाती है। तो वो आगे बढ़ाई जा सके इसके लिए भी राज्य सरकार को सुझाव भेजेंगे। और सेल्फ़ हेल्प ग्रूप बनाने की बात कही।
शिक्षा से ही महिलाएं उन्नति, सम्मान और अधिकार पाने में होंगी सक्षम
बैठक में सभी महिलाओं ने खुलकर अल्पसंख्यक सदस्य के सामने अपने-अपने विचार साझा किए। अल्पसंख्यक वर्ग की महिलाओं ने मुख्यतः बालिका शिक्षा, कौशल विकास, स्वरोजगार, महिला सुरक्षा और अनपढ़ महिलाओं के हुनर को उचित मंच मिले जैसे ज्वलत मुद्दे पर अपने विचार रखे। जिस पर शहजादी ने तत्काल संज्ञान में लेते हुए भोपाल में कौशल विकास केन्द्र की स्थापना करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिये परिवार में बेहतर महौल बनाने की जरूरत है। इसके लिए महिलाओं को आगे आना होगा। महिलाएं किसी भी परिवार का सबसे मुख्य हिस्सा है महिलाएं परिवार में बेटियों को संरक्षण देते हुए आगे बढ़ाए और लड़को की तरह लड़कियों को भी स्कूल भेजने की बात पर जोर डाला।
अलपसंख्यक महिलाओं से किया संवाद
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग की सदस्य सैयद शहजादी राजधानी भोपाल पहुंची। जहां उन्होंने राज्यपाल मंगुभाई पटेल से मुलाकात की जिसके बाद वे जिला कलेक्टर कार्यालय पहुंची। सभागृह में अल्पसंख्यक समुदाय की महिलाओं के साथ शहजादी ने बैठक की। इस बैठक में महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गई। चर्चा में सैयद शहजादी ने कहा कि, आज हमने अल्पसंख्यक और खास तौर से मुस्लिम महिलाओं को चर्चा के लिए बुलाया था। इन महिलाओं को क्या-क्या परेशानियां आ रही हैं, उन परेशानियों को समझने के लिए बैठक रखी गई थी। बातचीत कर अल्पसंख्यक महिलाओं से जाना कि, जो इनकी दिक्कतें है, उन्हें आयोग राज्य और केंद्र सरकार को प्रेषित करके सॉल्व कर सकते हैं।