जीते या हारे महिला कार्यकर्ता को मिलेगी टिकट, कांग्रेस ने बदली गाइडलाइन

author-image
एडिट
New Update
जीते या हारे महिला कार्यकर्ता को मिलेगी टिकट, कांग्रेस ने बदली गाइडलाइन

Bhopal.अरुण तिवारी. आने वाले विधानसभा चुनाव में महिलाओं की फौज खड़ी करने के लिए कांग्रेस निकाय चुनावों में प्रयोग करने जा रही है। कांग्रेस इस बार नेता पत्नी या उसके परिवार से जुड़ी महिला को टिकट देने से परहेज बरत रही है। जहां पर सक्रिय महिला कार्यकर्ता हैं वहां पर उनको ही टिकट दिया जाएगा। जीत की संभावना के आधार पर टिकट दिया जाता है लेकिन कांग्रेस ने तय किया है कि जीत हो या हार लेकिन टिकट सक्रिय महिला कार्यकर्ता को ही दिया जाएगा। हालांकि गाइड लाइन में एक बात और है। यदि कहीं सक्रिय महिला कार्यकर्ता नहीं हैं तो वहां पर नेता के परिवार में से किसी महिला को टिकट दिया जा सकता है। यानी कांग्रेस की कोशिश है कि आने वाले चुनावों में उसके पास सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं की बड़ी संख्या रहे ताकि जीत का आधार आधी आबादी के वोट कांग्रेस को मिल सकें।



पिछले चुनाव में पांच थीं पैराशूट उम्मीदवार



नगर निगम में मेयर पद के लिए पिछले चुनाव में कांग्रेस ने आधी से ज्यादा सीटों पर नेता परिवार की महिलाओं को टिकट दिया था। हालांकि इनमें से जीत किसी की नहीं हुई थी। जिन महिलाओं को नेता परिवार से टिकट मिला था उनमें कोई नेता की पत्नी थी तो कोई नेता की बहू थी।




  • रतलाम प्रेमलता दवे


  • उज्जैन डॉ कविता गोमे

  • जबलपुर गीतासरद तिवारी

  • छिंदवाड़ा कल्पना राजेंद्र सूयवंशी

  • रीवा प्रियंका तिवारी



  • संगठन ने नेताओं को भेजा पत्र  



    कांग्रेस संगठन ने अपने सभी नेताओं को महिला कार्यकर्ताओं के टिकट के संंबंध में गाइडलाइन का एक पत्र भेजा है। इस पत्र में स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि 50 फीसदी महिलाओं को आरक्षण के हिसाब से उनके चयन में लग्नशील, सक्रिय और उस क्षेत्र में लोकप्रिय सक्रिय प्रत्याशी को टिकट देने पर विचार किया जाए। यानी साफ है कि सक्रिय महिलाओं को वरीयता देनी है। लेकिन कांग्रेस ने बड़ी चतुराई से नेताओं के परिवारों में से भी टिकट देने का रास्ता निकाल लिया है। यह कहा जा रहा है कि जहां पर सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं की कमी है वहां पर नेता परिवार की महिला को टिकट दिया जा सकता है। कांग्रेस नेता मानते हैं कि उनके पास सक्रिय महिला कार्यकर्ताओं की कमी है।



    जीत की संभावना न होने पर इसलिए सक्रिय महिला को टिकट



    हार की आशंका के बाद भी सक्रिय महिला कार्यकर्ता को टिकट देने के पीछे कांग्रेस बड़े प्लान पर काम कर रही है। चूंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की 2019 के लोकसभा चुनाव में जीत की बड़ी वजह आधी आबादी यानी महिलाओं के वोट को माना गया है। सीएम शिवराज सिंह चौहान के भी मध्यप्रदेश में सरकार की हैट्रिक बनाने के पीछे महिला वोट बैंक के समर्थन का कारण माना जाता रहा है। कांग्रेस की कोशिश महिला आबादी को कांग्रेस की तरफ आकर्षित करना है। सक्रिय महिला कार्यकर्ता यदि निकाय चुनाव में हार भी जाती हैं तो वे भी वे चुनाव लड़ने के कारण स्थानीय स्तर पर स्थापित हो जाएंगी। कांग्रेस को इसका फायदा विधानसभा चुनाव में मिल सकता है।


    कमलनाथ CONGRESS कांग्रेस kamalnath Assembly Elections विधानसभा चुनाव Shivraj शिवराज guideline गाइडलाइन female worker parachute candidate महिला कार्यकर्ता पैराशूट प्रत्याशी